डीआइजी ने एक-एक मामले के अनुसंधान की समीक्षा की. साथ ही यह जाना कि किस उग्रवादी के खिलाफ किस तरह के साक्ष्य हैं. उन्होंने अलग-अलग मामलों में और साक्ष्य जुटाने का निर्देश संबंधित अनुसंधानक को दिया. साथ ही संबंधित डीएसपी से कहा कि उन्हें मामले में सुपरविजन करना है.
सुपरविजन में इस बात का खयाल रखें कि हर तरह के साक्ष्य जुटा लिये गये हैं. समय पर चार्जशीट दाखिल करें और केस डायरी में हर पहलू पर गौर करें. केस डायरी में छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखें. ताकि किसी उग्रवादी को सुनवाई के दौरान गलतियों का फायदा न मिले. चार्जशीट दाखिल करने से पहले सरकारी वकील के साथ बैठक कर कमियों को दूर करें. जहां तक संभव हो, साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से मजबूत बनाने पर जोड़ दें.