जिन स्कूलों ने रिपोर्ट सरकार को नहीं दी है, उसमें, लेडी केसी राय मेमोरियल स्कूल टेंडर रातू, एलए गार्डेन हाइस्कूल सामलौंग, मोंटफोर्ट स्कूल कांके, डीपीएस रांची, ओक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल रांची, रामटहल चौधरी हाइस्कूल बूटी रांची, एसआरडीएवी स्कूल पुनदाग, सरस्वती शिशु मंदिर डकरा, सरस्वती विद्या मंदिर करकट्टा खलारी, संज जगत ज्ञान पब्लिक स्कूल नगड़ी, स्टार इंटरनेशनल स्कूल नगड़ी, सुरेंद्रनाथ सेंटीनरी स्कूल रांची, टाेरियन वर्ल्ड स्कूल रांची, उर्सुलाइन कॉन्वेंट स्कूल खलारी, विकास विद्यालय रांची, आर्मी पब्लिक स्कूल, बिरसा मुंंडा डीएवी आवासीय पब्लिक स्कूल बुंडू, कैंब्रियन पब्लिक स्कूल कांके रोड, कैंब्रिज स्कूल टाटीसिलवे, सेंट्रल एकेडमी बरियातू रोड, डीएवी को-आपरेटिव सीनियर सेकेंडरी स्कूल खलारी, डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-तीन, डीएवी नागेश्वर पब्लिक स्कूल नामकुम, डीएवी आलोक पब्लिक स्कूल पुंदाग, डीएवी इंटरनेशनल स्कूल मेसरा, गौतम बुद्धा इंटरनेशनल स्कूल टाटीसिलवे व ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल हेसाग शामिल है.
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शिक्षा का अधिकार कानून का नहीं हो रहा पालन, गरीब बच्चों का दाखिला नहीं ले रहेे निजी स्कूल
रांची: राजधानी के निजी स्कूलों में वंचित बच्चों का दाखिला नहीं लिया जा रहा है. रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक शिवेंद्र कुमार ने इस संबंध में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्कूल प्रबंधनों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि 43 स्कूलों द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत कमजोर और वंचित तबके […]
रांची: राजधानी के निजी स्कूलों में वंचित बच्चों का दाखिला नहीं लिया जा रहा है. रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक शिवेंद्र कुमार ने इस संबंध में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्कूल प्रबंधनों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि 43 स्कूलों द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत कमजोर और वंचित तबके के बच्चों का प्रारंभिक कक्षा में दाखिला नहीं लिया जा रहा है. स्कूलों में कुल सीटों में से 25 फीसदी सीटों पर वंचित समाज के बच्चों का नि:शुल्क एडमिशन लिया जाना आवश्यक किया गया है. राजधानी में सिर्फ 18 विद्यालयों ने ही सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी है कि उनके यहां कमजोर तबके के बच्चों का दाखिला 2016-17 में किया गया है.
कई स्कूलों ने सरकार को नहीं सौंपी है रिपोर्ट
राजधानी के 60 निजी विद्यालयों में से कई ऐसे स्कूल हैं, जहां वंचित समाज के बच्चों का दाखिला अब तक नहीं हो पाया है. अल्पसंख्यक वर्ग (माइनोरिटी) के स्कूलों को शिक्षा के अधिकार कानून से मुक्त रखा गया है. इसमें कई ऐसे स्कूल हैं, जो आइसीएसइ से संबद्ध हैं.
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