रांची: इंडिया पेसेफिक इंडिजिनस यूथ नेटवर्क की डॉ मीनाक्षी मुंडा ने कहा कि आदिवासी युवाओं को सामाजिक कार्यों में भी आगे आने की जरूरत है़ यदि भौतिकवाद की दौड़ में व्यक्तिवाद की ओर उन्मुख होते हैं, तो हमारा अस्तित्व बिखर जायेगा़.
वह शुक्रवार को प्रथम अंतरराष्ट्रीय आदिवासी युवा सम्मेलन में बोल रही थी़ं झरना, नामकुम में 14 अगस्त तक चलनेवाले उक्त कार्यक्रम में झारखंड के अलावे नागालैंड, मणिपुर पश्चिम बंगाल, असम,महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, नेपाल, बांग्लादेश, फिलिपींस, ताइवान के युवा हिस्सा ले रहे हैं. फिलिपींस के जूलीयस सीजर दगुइतन ने कहा कि आदिवासी समाज में युवा ही परिवर्तन ला सकते है़ं उन्होंने झारखंड के आदिवासी युवाओं इंटर्नशिप के लिए फिलिपींस आमंत्रित किया़ नेपाल के फुलमान ने संयुक्त राष्ट्र के आदिवासियों से जुड़े घोषणा पत्र की जानकारी दी़
वहीं विनीत मुंडू ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के पक्ष के बारे में बताया़ मणिपुर के जितेन यमनम ने आदिवासी स्वशासन व्यवस्था, एलिना होरो सी-डॉ व नागा जनजाति के कनातो चोपय ने जलवायु परिवर्तन के बारे में जानकारी दी़ आयोजन में डॉ अभय सागर मिंज, झारखंड इंडिजेनस एंड ट्राइबल पीपुल फॉर ऐक्शन की टीम की प्रमुख भूमिका रही.