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आह्वान: राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 59वीं बैठक में सीएस ने कहा, ग्रामीण अर्थ‌व्यवस्था को मजबूत करें

रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने बैंकों से राज्य की ग्रामीण अर्थ‌व्यवस्था और आधारभूत संरचना को मजबूत करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति राज्य के विकास में आगे आयें. झारखंड अविकसित श्रेणी के राज्यों में से एक है. इसलिए बैंक और सरकार मिल कर विकास के लिए पार्टनर […]

रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने बैंकों से राज्य की ग्रामीण अर्थ‌व्यवस्था और आधारभूत संरचना को मजबूत करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति राज्य के विकास में आगे आयें. झारखंड अविकसित श्रेणी के राज्यों में से एक है. इसलिए बैंक और सरकार मिल कर विकास के लिए पार्टनर बनें. श्रीमती वर्मा राजधानी में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 59वीं बैठक को संबोधित कर रही थीं.

मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों द्वारा अधिक से अधिक राशि प्रवाह करने की जरूरत है. चाहे वह किसान हों, स्वयं सहायता समूह हों, बेरोजगार हों, प्रधानमंत्री जनधन योजना, मुद्रा योजना हो, बैंक इन सभी के लिए कर्ज उपलब्ध करा कर ग्रामीण अर्थ‌व्यवस्था को मजबूत करें.
आंकड़े चौंकानेवाले व चिंताजनक : मुख्य सचिव ने कहा कि जिस तरह के आंकड़े आज की बैठक में प्रस्तुत किये गये हैं, वे चौंकानेवाले और चिंताजनक हैं. ये आंकड़े हमें डराते हैं. यह बताते हैं कि हमारी जवाबदेही क्या है. हमें सोंचना होगा और यह विचार करना होगा कि विकास के लिए बाधक कौन हैं मजबूरी, कठिनाई या इच्छाशक्ति की कमी. मुख्य सचिव ने कहा कि बैंकों की ऋण जमा अनुपात दर (सीडी-रेशियो) कम हो गयी है. स्वंय सहायता समूहों को सिर्फ 5.15 प्रतिशत ही कर्ज दिया गया है. 131 की जगह सिर्फ 12 नयी शाखाएं ही खोली गयीं. किसान क्रेडिट कार्ड की स्थिति ठीक नहीं है. आधार से बैंक खातों को जोड़ा नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में सरकार के स्तर पर सभी बैंकों के साथ बैठक की जायेगी.
सीडी रेशियो का गिरना सही नहीं : एम के वर्मा : भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने कहा कि झारखंड में बैंकों का सीडी रेशियो गिरना सही नहीं है. यह 61 फीसदी से 59 फीसदी पर आ गया है. 2014, 2015 और 2016 के आंकड़े जो बैंकर्स समिति ने प्रस्तुत किये हैं, उसमें काफी विरोधाभास है. झारखंड में वास्तविक आधार पर देखा जाये, तो सीडी रेशियो सिर्फ 47 फीसदी के आसपास ही है. एग्रीकल्चर क्रेडिट 18 फीसदी से कम है. गैर परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में कम ऋण दिया जा रहा है. प्राथमिकतावाले क्षेत्रों में भी बैंक कर्ज नहीं दे रहे हैं. यह ठीक नहीं है.
कार्यक्रम में ये थे मौजूद : कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, राजस्व एवं भूमि सुधार सचिव केके सोन, कृषि सचिव नीतिन कुलकर्णी, योजना सचिव सतेंद्र सिंह, बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक एस पलानिवेल समेत अन्य बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. महाप्रबंधक एसके मुखर्जी ने सबका स्वागत किया.

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