सिर्फ यही पता चला है कि बिंदु गंझू कमेटी से पैसा लेकर भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर मनोहर गंझू को पहुंचाने जा रहा था. पिछले दिनों हजारीबाग प्रमंडल के डीआइजी उपेंद्र प्रसाद ने इस मामले के अनुसंधान की समीक्षा की. समीक्षा रिपोर्ट में उन्होंने लिखा है : एसडीपीओ टंडवा और चतरा के एसपी ने अनुसंधानक को निर्देश दिया है कि यदि आम्रपाली कमेटी के लोग इसमें शामिल हैं, तो उनका नाम पता कर सत्यापन कर कार्रवाई करें.
इस निर्देश से यह प्रतीत होता है कि अभी तक के अनुसंधान से एएसपी टंडवा और एसपी चतरा इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाये हैं कि बरामद इतनी बड़ी राशि आम्रपाली संचालन कमेटी के थे, जिसमें बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू के अतिरिक्त अन्य लोग भी शामिल हैं. बरामद राशि कहां से आयी, इसके बारे में निश्चित निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना अनुसंधान की गुणवत्ता की नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है. डीआइजी ने यह भी लिखा है कि इस मामले को दर्ज करने और जब्ती सूची तैयार करने में भी अभियुक्त के पक्ष को ही फायदा पहुंचाने का काम किया गया है.