रांची/पिस्कानगड़ी: नगड़ी थाना क्षेत्र के पांडू गांव के समीप रांची और खूंटी इलाके में सक्रिय अपराधी और पीएलफआइ के पूर्व उग्रवादी अर्जुन ठाकुर की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. वह खूंटी जिला के कर्रा थाना क्षेत्र स्थित गोस गांव का रहनेवाला था. उसके सिर में तीन गोली मारी गयी है. पुलिस ने अर्जुन ठाकुर का शव बुधवार की सुबह बरामद किया.
घटनास्थल से पुलिस ने एक परचा भी बरामद किया है, जिसमें हत्याकांड की जिम्मेवारी बादशाह गिरोह से जुड़े अपराधियों ने ली है. परचा में बादशाह गिरोह का सुप्रिमो पी सिंह लिखा है. परचा में खुद को संगठन से जुड़ा हुआ बताते हुए बिराज ने लिखा है कि बादशाह गिरोह लोधमा, नगड़ी, खूंटी का आतंक बन चुके अर्जुन ठाकुर को मौत के घाट उतारने की जिम्मेवारी लेता है. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में कर पंचनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने अर्जुन ठाकुर के पॉकेट से कुछ रुपये और एक मोबाइल बरामद किया है. पुलिस को आशंका है कि अर्जुन ठाकुर की हत्या कहीं और की गयी होगी. लेकिन हत्या के बाद साक्ष्य छिपाने के लिए शव को पांडू ग्राम के समीप एक जमीन की चहारदीवारी मे फेंक दिया गया है.
पुलिस के अनुसार अर्जन ठाकुर पूर्व में पीलएफआइ के उग्रवादी विमल भगत के लिए शूटर का काम करता था. विमल के बाद वह संगठन के नाम पर इलाके में लेवी वसूलने का काम करता था. वह नगड़ी, बेड़ो, कर्रा, लोधमा, खूंटी सहित अन्य इलाके में सक्रिय था. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वह संगठन के लिए काम नहीं करता था. वह संगठन छोड़ कर अपराधी बन गया था. उसके खिलाफ रांची के नामकुम, बेड़ो, जगन्नाथपुर, नगड़ी में लूट, डकैती, हत्या और रंगदारी से संबंधित नौ मामले दर्ज हैं. कर्रा में भी एक मामला दर्ज है. वह पूर्व में भी जेल जा चुका है.
पुराने अपराधी बना रहे नये गिरोह : राजधानी के आसपास के इलाके में घटनाआें को अंजाम देने के लिए इन दिनों पुराने अपराधी नये गिरोह बना रहे हैं. अब तक पुलिस को दो नये गिरोह के बारे में जानकारी मिली है. जिनमें शामिल लोग पुराने अपराधी हैं. वे पूर्व में जेल भी जा चुके हैं. लेकिन जेल से निकलने के बाद घटनाओं को अंजाम देने के लिए गिरोह के पुराने सदस्यों को संगठित कर गिरोह का नया नाम देकर घटना को अंजाम दे रहे हैं.
नगड़ी थाना क्षेत्र में अर्जुन ठाकुर हत्याकांड में जिस बादशाह गिरोह का नाम सामने आया है, इसके बारे में पुलिस अधिकारियों का कहना है बादशाह गिरोह के नाम पर पहली बार किसी घटना को अंजाम दिया गया है. बादशाह गिरोह में पांच से छह पुराने अपराधी शामिल हैं. इस गिरोह का कार्यक्षेत्र बेड़ो, नगड़ी सहित आसपास का इलाका है. वहीं दूसरा गिरोह का नाम शोषण लाल मुक्त सेना है. इस गिरोह में रामगढ़ के पुराने अपराधी शामिल हैं. गिरोह में शामिल अपराधी पूर्व में जेल जा चुके हैं. वर्तमान में गिरोह में शामिल लोग ओरमांझी और आसपास के इलाके में घटनाओं को अंजाम देते हैं.