इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वत: शौचालय निर्माण के क्रियान्वयन, प्रोत्साहन तथा सुयोग्य लाभुक की पहचान कर डाटाबेस करेक्ट करना है. प्रत्येक पंचायत स्तर पर चार सदस्यों का दल तीन दिवसीय कैंप का आयोजन करेंगे.
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में कुल 14.46 लाख टॉयलेट का निर्माण किया जाना है. दो अक्तूबर 2019 के पूर्व ही संपूर्ण झारखंड को खुले में शौच से मुक्त कर लिया जायेगा. वर्ष 2012-13 में बेसलाइन सर्वे किया गया था़ उसके अनुसार झारखंड के ग्रामीण अंचलों में कुल 50.10 लाख परिवार हैं. इन परिवारों में से 35.96 लाख परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं थी. झारखंड में 31 जुलाई 2016 तक 4.69 लाख परिवारों के लिए शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. मंत्री ने बताया कि दो अक्तूबर 2014 से अब तक 602.19 करोड़ रुपये इस योजना में खर्च किये जा चुके हैं.
अब तक 208 ग्राम पंचायतों तथा पांच प्रखंडों जैसे रामगढ़ जिले का दुलमी, हजारीबाग जिले का चुरचू, चतरा का पत्थलगड्डा और साहेबगंज जिले का साहेबगंज प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो चुका है. इस वित्तीय वर्ष में झारखंड राज्य के 81 प्रखंडों तथा सात जिलों रामगढ़, लोहरदगा, खूंटी, जामताड़ा, कोडरमा, हजारीबाग तथा साहेबगंज को खुले में शौच से मुक्त कर लिया जायेगा.
मंत्री ने कहा कि जहां भी शौचालय निर्माण में गड़बड़ी होगी, दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी. विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि कई जिलों में दोषियों पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. शौचालय निर्माण की जांच पहले चरण में पंचायत स्तर पर होगी. इसके बाद थर्ड पार्टी जांच करायी जायेगी़ इसमें एक्सआइएसएस, एक्सएलआरआइ जैसी संस्थाओं से जांच करायी जायेगी.