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14 हजार करोड़ खर्च कर सुधारेंगे बिजली की स्थिति

रांची :ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव सह ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी आरके श्रीवास्तव ने कहा राज्य में बिजली का उत्पादन नहीं, बल्कि उसका संचरण बड़ी चुनौती है. हम जल्द ही 22 हजार मेगावाट उत्पाद करने की स्थिति में होंगे. इस पर काम हो रहा है. पर हम 2000 मेगावाट ही बिजली का उपभोग […]

रांची :ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव सह ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी आरके श्रीवास्तव ने कहा राज्य में बिजली का उत्पादन नहीं, बल्कि उसका संचरण बड़ी चुनौती है. हम जल्द ही 22 हजार मेगावाट उत्पाद करने की स्थिति में होंगे. इस पर काम हो रहा है. पर हम 2000 मेगावाट ही बिजली का उपभोग कर पा रहे हैं. यह गणना राष्ट्रीय औसत से काफी कम है.

यह प्रयास हो रहा है कि राष्ट्रीय औसत के आसपास हम पहुंच सकें. वे बुधवार को ऊर्जा विभाग द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि संचरण की समस्या है, जिसके चलते एक तिहाई ही आपूर्ति कर पा रहे हैं. ऐसे में यह फैसला लिया गया है कि संचरण व्यवस्था को सुदृढ़ किया जायेगा. तीन से चार साल में करीब 14000 करोड़ रुपये खर्च कर स्थिति सुधार ली जायेगी. इस अवधि में ट्रांसमिशन लाइन, ग्रिड, तार आदि को सुदृढ़ किया जायेगा. पुराने ट्रांसफाॅरमर बदले जायेंगे. साथ ही मध्यप्रदेश की तर्ज पर एसएमएस द्वारा इसे बदला जा सकेगा. उन्होंने बताया कि विश्व बैंक,पीएल एकाउंट या लोन लेकर राशि की व्यवस्था की जायेगी. लौंग टर्म प्लान तैयार किया जायेगा. मौके पर एमडी राहुल पुरवार, एमडी मंजू भजयंत्री व पीआरडी निदेशक एके पांडेय भी मौजूद थे.

बोर्ड को लाभ कमाना चाहिए : सीएमडी ने कहा कि बोर्ड राज्य सरकार के सहयोग से चल रहा है. बोर्ड को लाभ कमाना चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि कार्य प्रणाली को कॉमर्शियल किया जाये. फिलहाल स्थिति सही नहीं है. लाभ नहीं कमा पा रहे हैं. अगर यही स्थिति रही, तो कुछ दिनों में निजीकरण की अोर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. पांच से 10 फीसदी मुनाफा के साथ बिजली दी जाये, तो चलेगा.
अब एनटीपीसी के साथ ज्वायंट वेंचर होने पर 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा. इस पर सारा कुछ जल्द होगा. टीवीएनएल के लिए कंसल्टेंट की जरूरत थी. यह भी फाइनल स्टेज पर है. उन्होंने बताया कि अल्ट्रा मेगा पावर के लिए अजय नदी से पानी लिया जायेगा.
समानांतर संचरण व्यवस्था होगी : श्री श्रीवास्तव ने कहा कि डीवीसी एरिया में संचरण के लिए पूरी तरह से उस पर निर्भर हैं. ऐसे में यह फैसला हुआ है कि वहां समानांतर संचरण व्यवस्था शुरू की जाये. अन्य ऐसे जगहों पर जहां बोर्ड की अपनी संचरण व्यवस्था नहीं है, वहां अपनी व्यवस्था की जायेगी.
लटके रहते हैं टेंडर : उन्होंने कहा कि संचरण की व्यवस्था में पूरी तरह से सुधार किया जायेगा. लाइन लगाने के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस जल्द से जल्द मिले, इसके लिए बोर्ड में एक फॉरेस्ट अफसर (रिटायर) को नोडल अफसर के रूप में रखेंगे, ताकि उनके माध्यम से क्लीयरेंस में देरी न हो. साल-साल भर टेंडर निष्पादित नहीं होता है. 18 महीने की जगह तीन-चार साल टेंडर निष्पादन में लग रहा है. इससे योजना की लागत बढ़ रही है.
स्मार्ट मीटर लगेगा : उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है. यह काम एक-डेढ़ माह में होना शुरू हो जायेगा. इसमें टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जायेगा. बिल्कुल मोबाइल के बिल की तरह़ जैसे भुगतान नहीं करने पर मोबाइल का कनेक्शन काट दिया जाता है. उसकी तरह किया जायेगा. बिल पेमेंट नहीं होने पर अॉन लाइन नोटिस होगा और कनेक्शन भी कटेगा.
परीक्षा होगी रद्द : बिजली विभाग में नियुक्ति को लेकर हुई परीक्षा रद्द होगी. यह बात श्री श्रीवास्तव ने कही. उन्होंने कहा कि इसे देखा जा रहा है कि क्या गड़बड़ियां हुईं हैं. प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आयी थी. इस पर कार्रवाई हो रही है.

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