इससे पूर्व यूनियन की सदस्याें ने विधानसभा मार्च किया, लेकिन गेट बंद रहने के कारण वे बिरसा चौक के समीप मुख्य गेट के सामने धरने पर बैठ गयीं. यूूनियन सरकार से मांग कर रही है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को श्रमिकों का दर्जा दिया जाये. नियुक्ति नियमावली बनायी जाय और उन्हें सरकारी नौकरी में क्रमश: चतुर्थ व तृतीय वर्ग कर्मचारी का दर्जा दिया जाये. जब तक सरकारी कर्मचारियों में उनकी बहाली नहीं की जाती है, तब तक सेविका को बीस हजार व दस हजार रुपये का भुगतान किया जाये.
सेविकाओं की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 से बढ़ा कर 65 साल करने समेत कई अन्य मांगे भी यूनियन ने सरकार से की हैं. सदस्यों ने कहा कि जब तक उनलोगों की मांगे नहीं मानी जातीं तब तक आंदोलन जारी रहेगा. सदस्याें ने प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया, फिर धरना समाप्त हो गया. धरने पर प्रदेश अध्यक्ष वीणा सिन्हा, कमला देवी, सीता तिग्गा, शबाना खातून, प्रतिमा देवी, सुमन कुमारी, गीता देवी, उषा नायक सहित अन्य सदस्य बैठी थीं.