रांची : विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को तीसरे दिन भी ठप रही. झामुमो ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के लिए राष्ट्रपति को भेजे गये अध्यादेश का विरोध किया. अध्यादेश को वापस लेने की मांग पर अड़ा रहा. विधानसभा की पूरी कार्यवाही तक झामुमो के विधायक अपनी मांग के समर्थन में वेल में डटे रहे. नारेबाजी […]
रांची : विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को तीसरे दिन भी ठप रही. झामुमो ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के लिए राष्ट्रपति को भेजे गये अध्यादेश का विरोध किया. अध्यादेश को वापस लेने की मांग पर अड़ा रहा. विधानसभा की पूरी कार्यवाही तक झामुमो के विधायक अपनी मांग के समर्थन में वेल में डटे रहे.
नारेबाजी करते रहे. झामुमो के विधायक स्पीकर दिनेश उरांव का भी आग्रह सुनने के लिए तैयार नहीं थे. झामुमो के विधायकों ने सदन में कागज फाड़ कर उड़ाये. हंगामा होता देख स्पीकर ने पहले 40 मिनट व बाद में पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच ही विधायी कार्य हुए.
झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने स्थानीय व नियोजन नीति व झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने सीएनटी-एसपीटी में किये गये संशोधन को वापस लेने के लिए कार्यस्थगन लाया. हालांकि स्पीकर ने इसे अमान्य कर दिया. प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार ने नियोजन नीति के नाम पर झुनझुना थमा दिया है. सरकार ने इस नीति में कई तरह के छेद कर दिये हैं. उन्होंने गैर मजरुआ जमीन की जमाबंदी रद्द करने का भी विरोध किया़.
आॅर्डिनेंस का विरोध : स्टीफन मरांडी ने कहा कि सदन जिंदा है, इसके बाद भी सरकार ने ऑर्डिनेंस भेज दिया. सीएनटी-एसपीटी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बिना चर्चा के ही संशोधन किया जा रहा है. यह कानून क्रांति का परिणाम है. लाखों लोग शहीद हुए हैं, तो यह अधिकार मिला है. आदिवासियों की हजारों एकड़ जमीन गलत तरीके से ले ली गयी है. सरकार उसे वापस नहीं करा कर रही है. बैक डोर से काम कर रही है़ बिरसा मुंडा-सिदो-कान्हो की आत्मा दु:खी है़ प्रतिपक्ष के नेता हेमंत साेरेन ने कहा कि सरकार ने सदन को नजर अंदाज किया है. सदन की तौहीनी है़ सरकार पिछले दरवाजे से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ करना चाहती है. सदन को अंधेरे मेें रख कर आदिवासी-मूलवासी की जमीन हड़पना चाहती है.
सदन ऑर्डर में नहीं आया : सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है. टीएससी में भी इस पर बात हुई है. विपक्ष चर्चा में हिस्सा ले, सरकार जवाब देगी. हेमंत सोरेन ने कहा कि गोल-मटोल जवाब नहीं चाहिए़ सरकार सदन में अध्यादेश वापस लेने की घोषणा करे. हंगामे और अव्यवस्था के कारण 23 मिनट बाद दिन के 11.23 बजे स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12़ 30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. स्थगन के बाद भी सदन आॅर्डर में नहीं आया. दूसरी पाली में भी सदन की कार्यवाही नहीं चली.