रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने वन क्षेत्र में पड़नेवाले सभी आरा मिल को बंद करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी डीएफअो से कहा है कि वे चिह्नित करें कि कौन-कौन से आरा मिल वन क्षेत्र के पांच किमी के अंदर संचालित हैं. ऐसे आरा मिल को बंद करने को कहा गया है. एक […]
रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने वन क्षेत्र में पड़नेवाले सभी आरा मिल को बंद करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी डीएफअो से कहा है कि वे चिह्नित करें कि कौन-कौन से आरा मिल वन क्षेत्र के पांच किमी के अंदर संचालित हैं. ऐसे आरा मिल को बंद करने को कहा गया है. एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट भी मांगी है.
वर्तमान में 404 आरा मिल को ही सरकार की ओर से लाइसेंस दिया गया है. मुख्य सचिव सोमवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पदाधिकारियों के साथ सभी जिले के डीएफओ को निर्देश दे रहीं थीं.
श्रीमती वर्मा ने कहा कि जहां भी बड़े इलाकों में वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, उस पर प्राथमिकता से कार्रवाई करें. विभाग द्वारा मुख्य सचिव को जानकारी दी गयी कि राज्य में कुल 2139.6371 हेक्टेयर अतिक्रमित वनभूमि चिह्नित की गयी है. इसमें से 103 एकड़ वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है. विभाग के द्वारा कहा गया कि 917 वन वादों की संख्या है, जिनमें से बीपीएलइ वाद की संख्या 384 है. मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि शहरी क्षेत्र में जहां अतिक्रमण है, उप प्राथमिकता से कार्रवाई करें तथा सभी वन वादों के अभिलेखों को खोल कर उसकी साप्ताहिक सुनवाई सुनिश्चित करें. बैठक में प्रधान सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सुखदेव सिंह, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ के अफसर उपस्थित थे़
वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए जगह चिह्नित करें
मुख्य सचिव ने कहा फॉरेस्ट री-जेनरेशन साइट विकसित करने के लिए विभाग कार्यवाही करें. साथ ही प्रत्येक प्रमंडल में ऐसी जगह चिह्नित करें, जहां री-जेनरेशन की गुंजाइश है. साथ ही उन्होंने चयनित पांच वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की मैपिंग कर लांग टर्म प्लानिंग करने को कहा. उन्होंने कहा कि ऐसी योजना तैयार करें कि सभी वन्य जीव आश्रयणी को संजो कर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा सके. विभाग द्वारा जानकारी दी गयी कि इस संबंध में प्रबंध योजना हेतु डीपीआर और एपीआर आमंत्रित की गयी है, जिसके तहत कुल नौ आवेदन प्राप्त हुए हैं. विभाग ने मुख्य सचिव को जानकारी दी कि कैंपा के तहत स्टेयरिंग कमेटी द्वारा 2016–17 में कुल 36400 वन स्तंंभों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है तथा वार्षिक कार्य योजना भारत सरकार को भेजी जा चुकी है. इस संबंध में भारत सरकार द्वारा 144 करोड़ रुपये की स्वीकृति दिये जाने की भी सूचना है, लेकिन अभी तक राशि विमुक्त नहीं हुई है.