रांची: प्रवर्तन निदेशालय(इडी) पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के तत्कालीन ओएसडी उमाशंकर मालवीय के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करेगा. इडी ने हाइकोर्ट में मालवीय की जमानत का विरोध करने के लिए दायर शपथ पत्र में इसका उल्लेख किया है. पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में दर्ज मामले […]
रांची: प्रवर्तन निदेशालय(इडी) पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के तत्कालीन ओएसडी उमाशंकर मालवीय के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करेगा. इडी ने हाइकोर्ट में मालवीय की जमानत का विरोध करने के लिए दायर शपथ पत्र में इसका उल्लेख किया है.
पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में दर्ज मामले में मालवीय जेल में हैं. इस मामले में मालवीय पर पूर्व मंत्री को मनी लाउंड्रिंग में मदद करने का आरोप है. इसी मामले में मालवीय ने हाइकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. अदालत ने जमानत पर सुनवाई के लिए इडी को अपना पक्ष पेश रखने का निर्देश दिया है. इस निर्देश के आलोक में इडी ने न्यायालय में शपथ पत्र दायर किया है. इसमें जमानत याचिका का विरोध किया गया है.
साथ ही यह भी कहा गया है कि इडी मालवीय पर खुद भी मनी लाउंड्रिग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी कर रही है. एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) ने पूर्व मंत्री के तत्कालीन ओएसडी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की है. एसीबी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में वर्णित तथ्य मनी लाउंड्रिग से संबंधित हैं. इडी ने एसीबी से मालवीय के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित दस्तावेज मांगा है, ताकि मनी लाउंड्रिंग के आरोप में आगे की कार्रवाई की जा सके. इसलिए अभियुक्त को जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
क्या है एसीबी की प्राथमिकी में
एसीबी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया है कि मालवीय पथ निर्माण विभाग में तृतीय श्रेणी के लिपिक हैं. 1982 में सरकारी सेवा में आने के बाद से ज्यादातर समय उसने किसी-न-किसी मंत्री के ओएसडी के रूप में काम किया. उसने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही के ओएसडी के रूप में भी काम किया. सभी वैध स्रोतों से उसकी कुल आमदनी 76.57 लाख रुपये है. इस आमदनी के मुकाबले उसके पास 41.56 लाख रुपये की अधिक संपत्ति है. उसने ज्यादातर संपत्ति लीव इन रिलेशन में रहनेवाली रंजना नामक महिला के नाम खरीदी है. वर्ष 1999 में अपनी पत्नी आशा मालवीय के नाम अनिसाबाद में जमीन खरीद कर मकान बनाया. इसके बाद से रंजना के नाम संपत्ति खरीदनी शुरू की.