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तुपुदाना: 20 जुलाई से था लापता, पुलिस को थी सूचना, जमीन विवाद में युवक की सिर काट कर हत्या
तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हरदाग कदम टोली गांव निवासी रामू मुंडा (35 वर्ष) की हत्या 30 एकड़ जमीन विवाद में कर दी गयी. रामू मुंडा का सिर कटा शव रविवार को तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हजाम डोमाड़ी जंगल स्थित नदी से बरामद किया गया. इस संबंध में मृतक रामू मुंडा के छोटे भाई चामू मुंडा […]
तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हरदाग कदम टोली गांव निवासी रामू मुंडा (35 वर्ष) की हत्या 30 एकड़ जमीन विवाद में कर दी गयी. रामू मुंडा का सिर कटा शव रविवार को तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हजाम डोमाड़ी जंगल स्थित नदी से बरामद किया गया. इस संबंध में मृतक रामू मुंडा के छोटे भाई चामू मुंडा ने चार पर नामजद प्राथमिकी करायी है.
रांची/हटिया: रामू मुंडा की हत्या का आरोप विपिन मुंडा, विशेश्वर मुंडा उर्फ बुचिया, सोमरा मुंडा एवं सोमा मुंडा पर है. चामू मुंडा ने पुलिस को बताया कि उसका भाई रामू मुंडा 20 जुलाई को शाम 6.30 बजे बाजार जाने की बात कह कर घर से निकला, इसके बाद से लापता हो गया. इसकी जानकारी तुपुदाना ओपी पुलिस को लिखित रूप से दी गयी थी. सूचना मिलने के बाद तुपुदाना ओपी पुलिस ने हरदाग देवी मंडप के पास से 21 जुलाई को खून का धब्बा, हवाई चप्पल एवं मिरचा बरामद किया गया था. अंतिम बार गांव वाले ने रामू मुंडा को वहीं पर देखा था. पुलिस ने भाई को तलाशने के लिए डॉग स्कॉवयड को बुलाया था, लेकिन रामू मुंडा के बारे पुलिस को सुराग नहीं मिला.
रविवार को गांव की कुछ महिलाएं रूगड़ा खोजने के लिए जंगल की तरफ गयी थी. इसी दौरान महिलाओं ने देखा कि जंगल में एक शव पड़ा हुआ है, जिसका सिर धर से अलग किया हुआ है तथा दोनों कान व बाल मुड़े हुए हैं. खबर मिलने पर दोपहर दो बजे तुपुदाना ओपी पुलिस घटनास्थल पर पहुंची व शव को कब्जे में कर रिम्स भेेज दिया. चामू मुंडा ने पुलिस को बताया कि हमलोगों के गांव के ही विपिन मुंडा, विशेश्वर मुंडा उर्फ बुचिया, सोमरा मुंडा एवं सोमा मुंडा से 30 एकड़ का जमीन विवाद चल रहा था. इसी जमीन विवाद में भेरे भाई को रास्ते से हटाने के लिए उक्त लोगों ने मिल कर रामू मुंडा की हत्या कर दी.
पूर्व में भी जमीन विवाद को लेकर हो चुकी थी मारपीट
चामू मुंडा ने बताया कि 27 जनवरी 2013 को कदम टोली हरदाग में जमीन को लेकर विपिन मुंडा एवं विशेश्वर मुंडा ने मेरे बड़े भाई रामू मुंडा को मार कर सिर फाड़ दिया था. घटना के बाद वह एक सप्ताह तक अस्पताल में भरती था. अस्पताल से आने के बाद गांव में एक बैठक हुई. दोनों पक्ष के बीच समझौता हुआ, जिसमें रामू मुंडा एवं चामू मुंडा ने जमीन को पांच साल खेती करने के लिए दूसरे पक्ष को दिया. समझौते की अवधि इसी माह समाप्त होनेवाली थी. गांववालों के अनुसार 30 एकड़ जमीन के मालिक रामू मुंडा और चामू मुंडा दोनों भाई थे, लेकिन हत्याकांड के प्राथमिकी अभियुक्त दोनों का वंशज बन कर जमीन हड़पना चाहते थे.
हत्याकांड के बाद चारों आरोपी घर छोड़ कर भागे
रामू मुंडा हत्याकांड में जिन चार लोग विपिन मुंडा, विशेश्वर मुंडा, सोमरा एवं सोमा मुंडा का नाम सामने आया है, वे सभी हत्या के बाद से ही घर छोड़ कर भाग गये हैं. पुलिस ने रविवार को चारों की तलाश में छापेमारी की, लेकिन वे नहीं मिले. खबर लिखे जाने तक चारों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी थी. बताया जाता है कि 21 जुलाई को चारों लोगों ने मिल कर रामू मुंडा की हत्या कर दी थी. कुछ लोगों ने इस बात की सूचना भी पुलिस को दी थी. गांव वालों का आरोप है कि तुपुदाना पुलिस को सूचना देने के बाद भी उसने कोई खोज खबर नहीं ली, जिस कारण रामू के हत्याकांड में शामिल लोगों को भागने का मौका मिला.
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