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झारखंड में चिकित्सा शिक्षा बदहाल, 15 वर्ष में नहीं खुला एक भी कॉलेज
रांची: झारखंड में चिकित्सा (मेडिकल) शिक्षा बदहाल है. सीटें कम होने, नये कॉलेज नहीं बनने तथा पुराने कॉलेजों में पठन-पाठन की सुविधा बेहतर नहीं होने से यह स्थिति बनी है. गत 15 वर्षों में राज्य में कोई नया मेडिकल कॉलेज नहीं खुला है. जो हैं उनका स्तर बनाये रखना भी सरकार के लिए मुश्किल हो […]
रांची: झारखंड में चिकित्सा (मेडिकल) शिक्षा बदहाल है. सीटें कम होने, नये कॉलेज नहीं बनने तथा पुराने कॉलेजों में पठन-पाठन की सुविधा बेहतर नहीं होने से यह स्थिति बनी है. गत 15 वर्षों में राज्य में कोई नया मेडिकल कॉलेज नहीं खुला है. जो हैं उनका स्तर बनाये रखना भी सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है.
वर्ष 2014 में मेडिकल काउंसिल अॉफ इंडिया (एमसीआइ) ने राज्य की मेडिकल सीटों की कुल संख्या 350 से घटा कर 190 कर दी थी. अपना भविष्य खतरे में देख विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों ने भूख हड़ताल की थी. वे फिर से काउंसलिंग (रीकाउंसलिंग) नहीं चाहते थे. पर यही करना पड़ा था. रीकाउंसलिंग की सूचना मिलते ही अनशन पर बैठी छात्राएं व उनके अभिभावक रो पड़े थे. दरअसल राज्य के मेडिकल शिक्षा व्यवस्था रुला देने वाली है. अब इस बार प्रश्न पत्र में तथाकथित गड़बड़ी के कारण झारखंड राज्य संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (झारखंड कंबाइंड) की मेडिकल परीक्षा परिणाम का मामला कोर्ट में है. इसपर 27 जुलाई को सुनवाई होनी है. प्रश्न पत्र में गड़बड़ी के कारण रिजल्ट में हो रही देरी से विद्यार्थी व अभिभावक हताश अौर परेशान हैं. नीट-दो नहीं होता, तो यह परेशानी बेहद बढ़ जाती.
मेडिकल शिक्षा में पीछे
दरअसल मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड पिछड़ा राज्य है. बिहार की स्थिति भी झारखंड की तुलना में बेहतर है. बिहार में सरकारी व निजी एमबीबीएस कॉलेज की कुल सीटें 670 हैं, जबकि झारखंड में सिर्फ 350 सीटें ही उपलब्ध हैं. उधर, बिहार में डेंटल कॉलेज की सीटें 380 व झारखंड में सिर्फ 200 हैं. वैसे तो पूरे देश में चिकित्सकों की कमी है, लेकिन झारखंड में स्थिति ज्यादा गंभीर है. एमबीबीएस व डेंटल कॉलेजों की कमी व कम सीटों का असर भविष्य में भी चिकित्सकों की उपलब्धता पर पड़ेगा. वर्तमान में राज्य को करीब पांच हजार चिकित्सकों (सामान्य चिकित्सक 3686 व विशेषज्ञ चिकित्सक 1316) की जरूरत है. इसके विरुद्ध करीब 1800 (सामान्य 1500 व विशेष 300) चिकित्सक ही उपलब्ध हैं.
बदहाल मेडिकल शिक्षा
सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के तहत 10 एएनएम व तीन जीएनएम स्कूल संचालित हैं. सभी संस्थानों में पहले सीटों की कुल संख्या 60 थी, लेकिन फैकल्टी की कमी के कारण भारतीय नर्सिंग परिषद (आइएनसी) ने इसे घटा कर 20 से 40 के बीच कर दिया है. शिक्षक-छात्रा अनुपात के लिए 10:1 का मानक तय है. इस लिहाज से शिक्षकों की संख्या 10 एएनएम स्कूल में 60 होनी चाहिए . इधर, यहां 30-35 शिक्षक ही हैं. एनआइसी ने इसी आधार पर सीटों की संख्या घटायी थी. शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.
प्रति वर्ष 350 नर्स
सरकार के 10 एएनएम व तीन जीएनएम स्कूलों से हर वर्ष करीब 350 नर्स व ग्रेड-वन नर्स निकलती हैं. फैकल्टी की कमी से इनके शिक्षण स्तर पर प्रभाव पड़ता है.
नहीं बन रहे नौ कॉलेज
तीन सरकारी कॉलेजों सहित राज्य में आठ मेडिकल कॉलेज बनने-बनाने की घोषणा हुई है. पर अब तक किसी का निर्माण शुरू नहीं हो सका है. इन सबकी घोषणा एक से चार वर्ष पहले की गयी थी. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में तीन (दुमका, पलामू व हजारीबाग) में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. पर अभी जमीन तलाशने का काम चल रहा है. कुछ विशेषज्ञ यह सलाह भी देते हैं कि राज्य सरकार को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रांची (पूर्व का सदर अस्पताल) में भी मेडिकल कॉलेज खोलना चाहिए. पर अभी तो यह अस्पताल कौन व कैसे चलायेगा, यही पक्का नहीं है.
अभी सिर्फ तीन कॉलेज
फिलहाल राज्य में सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेज हैं. रांची में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स), जमशेदपुर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज (एमजीएम) एंड हॉस्पिटल तथा धनबाद में पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच). इन कॉलेजों में मेडिकल की क्रमश: 150, 100 व 100 (कुल 350) हैं. विभाग खुद मानता है कि राज्य की स्वास्थ्य जरूरतों को देखते हुए यह अपर्याप्त है.
डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कब?
सरकार ने सरकारी क्षेत्र में राज्य का पहला डेंटल कॉलेज रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बनाया है.
कहां कितने एमबीबीएस कॉलेज
राज्य सरकारी निजी कुल कुल सीटें
झारखंड 3 0 3 350
बिहार 6 3 9 670
महाराष्ट्र 19 22 41 4625
कर्नाटक 10 29 39 4510
आंध्र प्रदेश 12 22 34 4275
तमिलनाडु 14 18 32 3800
केरल 6 16 22 2600
उत्तर प्रदेश 7 14 21 1925
गुजरात 8 8 16 2200
विभिन्न राज्यों में डेंटल कॉलेज
राज्य सरकारी निजी कुल कुल सीटें
झारखंड 0 2 2 200
बिहार 1 8 9 380
कर्नाटक 2 42 44 3000
महाराष्ट्र 4 32 36 3120
उत्तर प्रदेश 3 28 31 2780
तमिलनाडु 1 27 28 2570
केरल 3 20 23 1190
आंध्र प्रदेश 3 18 21 1830
मध्य प्रदेश 1 13 14 1260
पंजाब 2 12 14 1160
राजस्थान 1 13 14 1200
गुजरात 3 8 11 1100
(कॉलेज व सीटों की संख्या में परिवर्तन संभव है)
लंबित मेडिकल कॉलेज
मेडिकल कॉलेज इसीएल, मेडिकल कॉलेज बीसीसीएल, मेडिकल कॉलेज सीसीएल,मेडिकल कॉलेज एचइसी, मेडिकल कॉलेज सेल बोकारो, मेडिकल कॉलेज दुमका,मेडिकल कॉलेज मेदिनीनगर, मेडिकल कॉलेज हजारीबाग,
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