रविवार काे आयोजित प्रेसवार्ता में मोरचा के रघुनाथ सिंह ने कहा कि अगर सरकार जांच जैक के माध्यम से नहीं कराती है, तो स्कूल-कॉलेज जांच में सहयोग नहीं करेंगे. उपायुक्त की देखरेख में भी अगर जांच करायी जाये, तो पत्र जैक के माध्यम से ही जारी होना चाहिए. नियमावली में इसका अधिकार झारखंड एकेडमिक काउंसिल को ही दिया गया है. मोरचा ने कहा है कि चार माह पहले ही सरकार ने उपायुक्तों के माध्यम से स्कूल की जांच करायी थी, इसके बाद अब फिर से जांच करायी जा रही है. शिक्षकाें की सेवानिवृत्ति के मामले में भी सरकार मनमानी कर रही है. मोरचा ने 60 वर्ष में शिक्षकों के सेवानिवृत्ति का भी विरोध किया है.
मोरचा ने कहा है कि इंटरमीडिएट प्रस्वीकृति नियमावली 2005 व उच्च विद्यालय प्रस्वीकृति नियमावली 2008 में शिक्षकों के सेवानिवृत्ति के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है. बिहार के समय से ही शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष है. मोरचा ने उच्च स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष की भी जल्द नियुक्ति की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर मोरचा आंदोलन की घोषणा की है. शिक्षक 28 जुलाई काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. 29 जुलाई को राज्य के 593 हाइस्कूल व 300 इंटर कॉलेजों में शैक्षणिक हड़ताल रहेगी. शिक्षक नौ अगस्त को राजभवन के समक्ष धरना देंगे. पांच सितंबर को मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे. मौके पर मोरचा के सुरेंद्र झा, नरेश घोष, देवनाथ सिंह, बलदेव पांडेय, हरिहर प्रसाद कुशवाहा उपस्थित थे.