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80 करोड़ से अधिक की ठगी की, 22 करोड़ का ट्रांजेक्शन
डीजेएन कंपनी के सीएमडी जितेंद्र मोहन ने किया स्वीकार डीजेएन कंपनी के सीएमडी जितेंद्र मोहन सिन्हा ने स्वीकार किया है कि वह ट्रेडिंग के नाम पर इंवेस्ट करवा कर अभी तक 80 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है. जितेंद्र मोहन के दो एकाउंट से करीब 22 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. […]
डीजेएन कंपनी के सीएमडी जितेंद्र मोहन ने किया स्वीकार
डीजेएन कंपनी के सीएमडी जितेंद्र मोहन सिन्हा ने स्वीकार किया है कि वह ट्रेडिंग के नाम पर इंवेस्ट करवा कर अभी तक 80 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है. जितेंद्र मोहन के दो एकाउंट से करीब 22 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. जब्त अन्य बैंक एकाउंट की जांच पुलिस कर रही है.
रांची : अबतक की जांच में प्रथम दृष्टया कंपनी के पास करीब 100 करोड़ के एसेट्स होने की जानकारी पुलिस को मिली है. पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कंपनी के सीएमडी जितेंद्र मोहन सिन्हा, प्रोपराइटर विशाल कुमार सिन्हा, डॉयरेक्टर प्रशांत कुमार सिन्हा और मैनेजर संतोष कुमार को शनिवार को जेल भेज दिया. यह जानकारी शनिवार को अपने कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने दी.
एसएसपी ने बताया कि डीजेएन कमाेडिटीज कंपनी के द्वारा झारखंड सहित कई राज्यों के लोगों से तीन से चार प्रतिशत प्रति माह ब्याज देने के नाम पर ठगी कर धन अर्जित किया गया था. यह भी सूचना मिली कि कंपनी के सभी लोग राज्य छोड़ कर बाहर भागने की फिराक में हैं. ठगी की शिकायत पर लालपुर थाना में 22 जुलाई को केस दर्ज किया गया.
केस में आरोपी डीजेएन कंपनी के सीएमडी जितेंद्र मोहन सिन्हा, प्रोपराइटर विशाल सिन्हा, डॉयरेक्टर प्रशांत सिन्हा, मैनेजर संतोष, विवेक सिन्हा और आनंद मोहन सिन्हा को बनाया गया. गिरफ्तारी के लिए आरोपियों की तलाश में सिटी एसपी कौशल किशोर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. इसके बाद धोखाधड़ी के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया.
एसएसपी के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह जानकारी मिली है कि कंपनी के लोग झारखंड के रांची, देवघर, पलामू, गढ़वा, लातेहार, बोकारो, धनबाद, रामगढ़, खूंटी सहित अन्य जिलों में लोगों से ठगी कर चुके हैं. मामले की जांच के लिए आयकर विभाग से भी मदद ली जायेगी.
सभी आरोपियों को बाद में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जायेगा. ठगी करने वाला मास्टमाइंड जितेद्र मोहन सिन्हा पटना, विशाल और प्रशांत डालटनगंज और संतोष मूल रूप से आंध्रप्रदेश का रहने वाला है, लेकिन वह धनबाद में रहता था. वह कंपनी का काम मैनेज करने का काम करता था. प्रशांत की पत्नी सरकारी कर्मी है.
ठगी से अर्जित रुपये भाई की कंपनी में इंवेस्ट करता था जितेंद्र :
पुलिस के अनुसार जितेंद्र मोहन का एक भाई आंनद मोहन सिन्हा दिल्ली में रहता है. वहां आनंद मोहन डीजेएन फर्मा नामक एक कंपनी चलता था. जितेंद्र मोहन सिन्हा ठगी में अर्जित रुपये अपने भाई की कंपनी में लगाता था. विशाल के नाम पर शेयर ट्रेडिंग के लिए यूनिकॉर्न कंपनी की एक फ्रेंचाइजी है.
जितेंद्र मोहन ठगी से अर्जित रुपये विशाल के जरिये शेयर मार्केट में लगाता था. एसएसपी के अनुसार ठगी की रकम और भी बढ़ सकती है. जो भी कंपनी द्वारा ठगी के शिकार हो चुके हैं, वे लालपुर थाना प्रभारी के मोबाइलनंबर 9431706159 और सिटी डीएसपी के मोबाइल नंबर 9431706139 पर सूचना दे सकते हैं.
ठगी कर कंपनी के लोगों ने जहां अर्जित की संपत्ति : कंपनी के लोग ठगी से अर्जित रुपये से दिल्ली, पटना और रांची तीन स्थानों पर डीजेएन ज्वेलरी शॉप खोला था, लेकिन वर्तमान में तीनों दुकानें बंद हैं. इसके अलावा कंपनी के लोग रांची, पलामू, गढ़वा और लातेहार सहित राज्य के बाहर भी प्रोपर्टी अर्जित की है. अर्जित प्रोपर्टी में जमीन और फ्लैट शामिल हैं.
कंपनी के लोगों ने पलामू में खेती करवाने के नाम पर जमीन ली है.
छापेमारी में शमिल पुलिस की टीम : सिटी डीएसपी शंभु कुमार सिंह, लालपुर थाना प्रभारी रमोद नारायण सिंह, परिचारी विकास कुमार, दारोगा सोहन कुमार, सिपाही नवीन तिवारी, अविनाश कुमार, ब्रिकम नाग, अकरम खान, सीता राम उरांव और हिंदू गोप.
डीजीएन कंपनियों के अधीन अन्य फरजी कंपनी की सूची
अबाउट डीजेएन ग्रुप ऑफ कंपनीस
विजन
मिशन
डीजेएन ज्वेलरी प्राइवेट लिमिटेड
डीजीएन कमोडिटीस एंड इक्विटी
डीजीएन लाइफ साइंस
डीजीएन स्कूल
डीजीएन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड
विद्यामंदिर क्लासेस
डीजेएन मेगामार्ग
डीजेएन इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड
बोकारो से एसएसपी से मिलने पहुंचे ठगी के शिकार लोग
कंपनी द्वारा ठगी के शिकार लोग शनिवार को एसएसपी से मिले. ठगी के शिकार लोगों में अधिकांश लोग बीसीसीएल से रिटायर्ड हो चुके हैं. ठगी के शिकार लोगों ने एसएसपी को बताया कि बोकारो में कंपनी करीब 700- 800 लोग से ठगी कर चुकी है. एसएसपी ने बताया कि राज्य के दूसरे जिलों के एसपी को कंपनी द्वारा ठगी किये जाने की जानकारी दी गयी है. पुलिस मामले में गहराई से जांच कर रही है.
कौन है जितेंद्र मोहन सिन्हा
पुलिस के अनुसार जितेंद्र मोहन मूल रूप से पटना का रहनेवाला है. वह पहले पटना में कोचिंग चलाने का काम करता था. बाद में वह पटना से दिल्ली चला गया. दिल्ली में उसने लेदर और एक्सपोर्ट का काम शुरू किया. वहां उसने एक ही प्रोपर्टी को पांच बार अलग-अलग बैंक में बंधक रख कर ऋण लिया. ठगी कर जब उसने कुछ रुपये अर्जित किये, तब उसने वर्ष 2012 में डीजेएन कंपनी खोली.
बरामद सामान की सूची : पांच फर्जी पैन कार्ड, विभिन्न बैंक के 30 एटीएम कार्ड, विभिन्न बैंक के 35 पासबुक, चार ऑडी कार, फॉरचूनर, डस्टर और वोलकासवेगन, एक बाइक, कंपनी से जुड़े दस्तावेज सहित नकद 40 हजार रुपये
पांच राज्यों में कंपनी कर चुकी है ठगी
पुलिस के अनुसार डीजेएन कंपनी का कार्यालय पांच राज्य बिहार, झारखंड, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और गुजरात के विभिन्न जिलों में था. पांच राज्यों के लोगों से कंपनी ट्रेडिंग के नाम पर निवेश करवा कर ज्यादा मुनाफा देने का लालच देकर ठगी कर चुकी है.
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