28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

न्याय दिलाने का काम प्रखंड स्तर पर हो

आयोजन . इंडिया लीगल का एक्सेस टू जस्टिस काॅनक्लेव में राज्यपाल ने कहा रांची : लोगों के लिए एक्सेस टू जस्टिस सुनिश्चित करना राज्य सरकार का दायित्व है. सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय का मिलना जरूरी है. एक्सेस टू जस्टिस पाना लोगों का अधिकार है. मैं गांव से आयी हूं, गांव के लोगों की समस्याएं […]

आयोजन . इंडिया लीगल का एक्सेस टू जस्टिस काॅनक्लेव में राज्यपाल ने कहा
रांची : लोगों के लिए एक्सेस टू जस्टिस सुनिश्चित करना राज्य सरकार का दायित्व है. सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय का मिलना जरूरी है. एक्सेस टू जस्टिस पाना लोगों का अधिकार है. मैं गांव से आयी हूं, गांव के लोगों की समस्याएं जानती है. आज भी लोग पुलिस, थाना, कचहरी व अस्पताल जाने से डरते हैं. लोगों का डर दूर करने की जरूरत है.
उक्त बातें राज्यपाल द्राैपदी मुरमू ने कही. वे शनिवार को होटल बीएनआर चाणक्या में आयोजित एक्सेस टू जस्टिस काॅनक्लेव के उदघाटन सत्र में बोल रहीं थी. कॉनक्लेव का आयोजन इंडिया लीगल रिसर्च फाउंडेशन व एपीएन न्यूज चैनल द्वारा किया गया था. राज्यपाल ने कहा कि पहले गांव में ही समस्याएं हल हो जाती थी. इससे लोग बाहर जाने की परेशानी से बचते थे.
प्रखंड स्तर पर ही न्याय दिलाने का काम हो. अोड़िशा में इसकी व्यवस्था है. वहां पर प्रखंड स्तर पर क्रिमिनल व सिविल मामलों के जानकार अधिवक्ता रखे गये है, ताकि जो समस्याएं आयें, उसे वहीं पर निबटा दिया जाये. अदालतों में न्यायाधीशों की कमी दूर होना चाहिए. न्याय के लिए समाज के वंचित वर्गों को कानूनी सहायता उपलब्ध करायी जाये.
सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रवीण एच पारिख ने कहा कि लोगों को न्याय पाने का संवैधानिक अधिकार है. लीगल एड के माध्यम से गरीब न्याय प्राप्त कर सकते है. आज के दाैर में अधिवक्ता प्रोफेशनल हो गये हैं. ऊपरी अदालतों में प्रैक्टिस करनेवालों की फीस गरीबों की पहुंच के बाहर है.
सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रदीप राय ने कहा कि लोगों की न्याय तक पहुंच बने आैर उन्हें निष्पक्ष आैर त्वरित न्याय मिले, इसे सुनिश्चित किया जाना जरूरी है. उन्होंने जल्द ही इंडिया लीगल व एपीएन चैनल के सहयोग से देश में पहले लीगल चैनल की शुरुआत करने की घोषणा की. काॅनक्लेव में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में लगभग 60000 व पूरे देश में तीन करोड़ से अधिक मामले लंबित है. वहीं झारखंड हाइकोर्ट में लगभग 80,000 मामले लंबित हैं.
इससे पूर्व इंडिया लीगल के प्रधान संपादक इंद्रजीत बधवार ने अतिथियों का स्वागत किया. धन्यवाद ज्ञापन रिटायर्ड आइएएस व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विमल कीर्ति सिंह ने किया. मौके पर झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्रा, जस्टिस अपरेश कुमार सिंह, जस्टिस अनंत विजय सिंह, रजिस्ट्रार जनरल अनिल कुमार चाैधरी, प्रोटोकॉल अॉफिसर मिथिलेश कुमार, सुपीरियर ज्यूडिशियल कैडर के न्यायिक अधिकारी, सांसद रवींद्र राय, विनय राय, वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी, एमएम पॉल, मो सुहैल अनवर, अधिवक्ता धीरज कुमार, हेमंत गुप्ता सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे.
लोगों को त्वरित न्याय मिलना जरूरी : चीफ जस्टिस
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने कहा कि झारखंड में कई समस्याएं है. यहां एक्सेस टू जस्टिस जरूरी है. त्वरित न्याय के लिए झारखंड हाइकोर्ट लगातार प्रयास कर रहा है. वर्षों से लंबित मामलों के निष्पादन पर न्यायाधीशों ने ध्यान केंद्रित किया है, इसमें सफलता भी मिल रही है. 10 या अधिक वर्षों से जेल में बंद लोगों के लंबित अपील की सुनवाई को प्राथमिकता दी गयी. एक्सेस टू जस्टिस सुनिश्चित करने का लोक अदालत, मध्यस्थता, स्थायी लोक अदालत आदि सशक्त माध्यम है. 24 जेलों में लीगल एड क्लिनिक की स्थापना की गयी है. झारखंड में मध्यस्थता से लंबित मामलों के निष्पादन में सफलता की दर 49 फीसदी तक पहुंच गयी है.
देश का लोकतंत्र परिपक्व है : जस्टिस एबी सिंह
लीगल काॅनक्लेव के परिचर्चा सत्र में झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनंत विजय सिंह ने कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र परिपक्व है. न्याय व्यवस्था में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है. न्यायिक सिस्टम के न्यूट्रल मूल्यांकन करने की दिशा में अब आगे बढ़ने की जरूरत है. इसमें समय लगेगा, लेकिन सुधार जरूर होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें