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हत्या के आरोपी की एम्स में मौत

मांडर : डायन-बिसाही के मामले में पांच महिलाओं की सामूहिक हत्या के आरोप में गिरफ्तार कंजिया-मरइटोली निवासी बुदु उरांव (42 वर्ष) की मौत इलाज के दौरान दिल्ली के एम्स में हो गयी. बताया जा रहा है कि करीब 10 महीने से बिरसा केंद्रीय कारा रांची में बंद बुदु दो महीने से बीमार था. जिसे कुछ […]

मांडर : डायन-बिसाही के मामले में पांच महिलाओं की सामूहिक हत्या के आरोप में गिरफ्तार कंजिया-मरइटोली निवासी बुदु उरांव (42 वर्ष) की मौत इलाज के दौरान दिल्ली के एम्स में हो गयी.
बताया जा रहा है कि करीब 10 महीने से बिरसा केंद्रीय कारा रांची में बंद बुदु दो महीने से बीमार था. जिसे कुछ दिन पहले इलाज के लिए जेल प्रशासन ने दिल्ली के एम्स में भरती कराया था. जहां 13 जुलाई को उसकी मौत हो गयी. वहां से उसके शव को रविवार की रात को मरइटोली लाया गया और सोमवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. उसके अंतिम संस्कार में जेल व स्थानीय प्रशासन के किसी भी पदाधिकारी के मौजूद नहीं होने पर ग्रामीण तरह-तरह के सवाल उठाते रहे.
ये है मामला: मांडर थाना क्षेत्र के कंजिया मरइटोली में सात अगस्त 2015 को गांव की ही पांच महिलाओं की डायन-बिसाही के नाम पर सामूहिक रूप से हत्या कर दी गयी थी. हत्या के आरोप में गांव के ही 41 महिला-पुरुष बिरसा केंद्रीय कारा रांची में बंद हैं. जिसमें बुदु उरांव भी शामिल था. बुदु उरांव मोटिया का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. उसके पांच बच्चे हैं.
होटवार को 13 जुलाई को आया था फोन: मृतक की पत्नी पालो उरांव ने बताया कि पांच दिन पूर्व 13 जुलाई को उसे रांची के जेल से एक अधिकारी ने उसके मोबाइल पर फोन किया कि होटवार आ जाओ. वहां जाने पर उसे जानकारी दी गयी कि उसके पति को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया था, जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी है. तुम लोग जाकर दिल्ली से उसका शव ले आओ. पैसों को लेकर असमर्थता जताने पर जेल प्रशासन की ओर से ट्रेन से उनके आने-जाने का इंतजाम किया गया और इसके बाद वे दिल्ली गयी.
उनके साथ गये पुलिसकर्मी ने भरसक प्रयास किया कि बुदु उरांव का दिल्ली में ही अंतिम संस्कार कर दिया जाये, लेकिन दिल्ली पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वे शव को लेकर 17 जुलाई की रात रांची रेलवे स्टेशन पहुंची. पालो उरांव के अनुसार रांची से उनके साथ गया पुलिसकर्मी दिल्ली में ही रूक गया था. इसलिए वे स्टेशन से किसी तरह अपने खर्च पर एंबुलेंस का इंतजाम कर शव को लेकर गांव पहुंची और अंतिम संस्कार किया.

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