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सच छिपाने के लिए एसएसपी ने बदल दिया जांच अधिकारी

जांच रिपोर्ट. इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत का मामला सुरजीत सिंह रांची : धनबाद में जीटी रोड पर चालक को गोली मारने और इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत के लिए गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राजगंज थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर ट्रक चालक को […]

जांच रिपोर्ट. इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत का मामला

सुरजीत सिंह

रांची : धनबाद में जीटी रोड पर चालक को गोली मारने और इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत के लिए गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राजगंज थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर ट्रक चालक को गोली लगने की घटना 13-14 जून की रात हुई थी.

एसएसपी के दबाव में 14 जून को मामले की प्राथमिकी (संख्या 98-2016) तोपचांची थाना में दर्ज की गयी. थाना प्रभारी उमेश कच्छप को मामले का अनुसंधानक बनाया गया. 16 जून को धनबाद के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने ज्ञापांक-3148-अपराध शाखा-16.06.2016 के माध्यम से इंस्पेक्टर उमेश कच्छप को मामले के अनुसंधान से विमुक्त कर दिया. साथ ही बरवाअड्डा के थाना प्रभारी शंकर कुमार को मामले का अनुसंधानक बनाया.

रिपोर्ट के मुताबिक इंस्पेक्टर उमेश कच्छप प्रारंभ से ही प्राथमिकी दर्ज करने को इच्छुक नहीं थे. ऐसा प्रतीत होता है कि भयवश उन्हें जांच से अलग कर दिया गया. उन्हें लगा कि कहीं ऐसा न हो कि इंस्पेक्टर कच्छप घटना से संबंधित तथ्यों को अनुसंधान में सामने ले आये और इससे इस घटना में शामिल पदाधिकारियों की परेशानी बढ़ जाये. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंस्पेक्टर कच्छप को दो दिनों में अनुसंधान से मुक्त कर दिया गया.

अनुसंधान से मुक्त कर देने के बाद यह भी आशंका है कि इंस्पेक्टर कच्छप को यह भय हुआ हो कि उन्हें इस मामले में फंसा दिया जायेगा. जांच कमेटी ने रिपोर्ट में मंतव्य दिया है कि एसएसपी धनबाद द्वारा दो दिन के भीतर मामले का अनुसंधानकर्ता बदलने से संदेह पैदा होता है. स्व कच्छप के परिवार के लोगों के उस बयान को बल मिलता है, जिसमें स्व कच्छप के तनाव में होने की बात कही गयी है.

तनाव में थे इंस्पेक्टर कच्छप : गवाह

जांच कमेटी ने एसआइ राजेंद्र चौधरी और सिपाही मनोज कुमार सिंह का बयान भी दर्ज किया है. दोनों ने अपने-अपने बयान में बताया है कि गोली चलने का घटनास्थल तोपचांची थाना क्षेत्र में नहीं होने के बाद भी तोपचांची थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी. प्रभारी इंस्पेक्टर उमेश कच्छप को मामले का अनुसंधानकर्ता बनाया गया था, जिस कारण वह काफी दबाव में थे.

राजगंज थाना प्रभारी ने इनकार किया था

जांच रिपोर्ट के मुताबिक ट्रक चालक को गोली मारे जाने की घटना राजगंज थाना के पास हुई थी. जांच कमेटी को अनौपचारिक रूप से पता चला है कि राजगंज थाना प्रभारी ने अपने थाना में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया था. इसके लिए संभवत: थाना की स्टेशन डायरी को अप-टू-डेट कर दिया गया था. हालांकि राजगंज थाना प्रभारी मो इम्तियाज हसन ने कमेटी को बताया है कि स्कॉरपियो को धक्का मारने की घटना तोपचांची थाना क्षेत्र में हुई थी, वहीं से उसका पीछा किया जा रहा था. इसलिए वहां प्राथमिकी दर्ज की गयी.

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