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रोड पर वाहन लगाने से लगता है जाम
अव्यवस्था. शहर में कई मैरेज व बैंक्वेट हॉल ऐसे हैं, जहां पार्किंग की सुविधा नहीं रांची : राजधानी रांची में लगभग 61 मैरेज व बैंक्वेट हॉल हैं. इससे हर माह संचालक लाखों की कमाई रहे हैं. इनमें से कई मैरेज व बैंक्वेट हॉल ऐसे हैं, जहां पार्किंग की सुविधा नहीं है. लोगों को सड़क पर […]
अव्यवस्था. शहर में कई मैरेज व बैंक्वेट हॉल ऐसे हैं, जहां पार्किंग की सुविधा नहीं
रांची : राजधानी रांची में लगभग 61 मैरेज व बैंक्वेट हॉल हैं. इससे हर माह संचालक लाखों की कमाई रहे हैं. इनमें से कई मैरेज व बैंक्वेट हॉल ऐसे हैं, जहां पार्किंग की सुविधा नहीं है. लोगों को सड़क पर ही वाहन लगाना पड़ता है. वाहनों के सड़क पर खड़ा किये जाने के कारण कई बार जाम भी लग जाता है, जिससे आम लोगों व वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है.
ये मैरेज हॉल शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. बिना नियम कानून के संचालित हो रहे इन मैरेज हॉलों में पार्किंग की सुविधा नाम मात्र की होती है़ इसका खमियाजा सड़क से आवागमन करनेवाले लोगों को भुगतना पड़ता है.
61 में से 47 हॉल बिना परमिशन के संचालित : राजधानी रांची में 61 मैरेज व बैंक्वेट हॉल संचालित हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 10 को ही रांची नगर निगम ने परमिशन दिया है. चार मैरेज हॉलों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के कारण इनके संचालन पर निगम ने रोक लगा दी है. बाकी के 47 मैरेज व बैंक्वेट हॉल के कागजात व स्थल की जांच की जा रही है.जांच के उपरांत ही इन्हें परमिशन देने पर विचार किया जायेगा.
इन्हें दी गयी अनुमति : मैरेज हॉल संचालित करने के लिए निगम ने होटल रेडिशन ब्लू, जेबी सेलीब्रेशन हरमू रोड व करमटोली, नंदन मैरेज हॉल हटिया, शाहदेव हाउस कांके रोड, मंगलम मैरेज हॉल बरियातू, राजमहल एचबी रोड, पूजा श्री रानी बागान व इंद्रप्रस्थ कोकर के अलावा बरियातू रोड के एक मैरेज हॉल को अनुमति दी है.
सुप्रीम कोर्ट व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का उल्लंघन: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूर्व में यह आदेश जारी किया था कि रात के 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग न किया जाये. बोर्ड ने इस दौरान रात में पटाखा फोड़ने पर भी रोक लगायी थी. परंतु यहां आदेश का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.
बारात निकाले जाने की समय सीमा नहीं
शहर में बरात निकाले जाने को लेकर कोई समयसीमा तय नहीं है. कहीं पर बरात शाम छह बजे निकलती है, तो कहीं रात के 11 बजे. नियमत: बरातियों को सड़क किनारे चलना चाहिए, जबकि बरातियों का हुजूम पूरी सड़क को घेरते हुए चलता है. इस कारण सड़कों पर वाहनों का आवागमन ठप हो जाता है. जाम लग जाता है. इससे लोगों को परेशानी होती है. कई बराती तो खुलेआम मद्यपान का सेवन भी करते हैं, लेकिन प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है.
प्रदूषण एक्ट के तहत रात के 10 बजे से सुबह छह बजे तक तेज आवाज में लाउस्पीकर बजाना प्रतिबंधित है. आज-कल डीजे बजाने का प्रचलन हो गया है. तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाना सही नहीं है. शादी के दिनों में यह ज्यादा देखा जाता है. एसडीओ को इसे गंभीरता से लेना होगा.
मनोज कुमार, डीसी, रांची
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