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समान आरोप में एक डीएसइ निलंबित, दूसरे पर विमर्श
कोडरमा व देवघर डीएसइ पर शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप रांची/कोडरमा : शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोपी कोडरमा के पूर्व जिला जिला शिक्षा अधीक्षक पीवी शाही (वर्तमान में प्राचार्य शिक्षक प्रशिक्षक कॉलेज गोविंदपुर) के निलंबन का मामला डेढ़ माह से स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग में लंबित है. जबकि शिक्षक नियुक्ति में […]
कोडरमा व देवघर डीएसइ पर शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप
रांची/कोडरमा : शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोपी कोडरमा के पूर्व जिला जिला शिक्षा अधीक्षक पीवी शाही (वर्तमान में प्राचार्य शिक्षक प्रशिक्षक कॉलेज गोविंदपुर) के निलंबन का मामला डेढ़ माह से स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग में लंबित है. जबकि शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप में देवघर के जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता निलंबित हो चुके हैं. दोनों जिला शिक्षा अधीक्षक पर प्राथमिक व मध्य विद्यालय में हुई शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा था.
दोनों जिला के उपायुक्त ने जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच करायी थी. जांच में दोषी पाये जाने के बाद कोडरमा व देवघर दोनों के उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी. उपायुक्त की अनुशंसा के अनुरूप विभाग ने दोनों जिला शिक्षा अधीक्षक पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की. दोनों पर कार्रवाई का प्रस्ताव शिक्षा मंत्री को भेजा गया.
शिक्षा मंत्री ने कोडरमा डीएसइ के निलंबन के प्रस्ताव पर विमर्श की बात कह कर फाइल वापस कर दी. इसके बाद कोडरमा के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक पीवी शाही का स्थानांतरण शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज गोविंदपुर (धनबाद) कर दिया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार विभागीय मंत्री के साथ विमर्श के बाद अब पीवी शाही को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के बाद कोडरमा में गड़बड़ी का मामला सामने आया था. शिक्षक नियुक्ति की काउंसलिंग में शामिल पदाधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख कर जैसे-तैसे कई अभ्यर्थियों का चयन कर लिया था. यही नहीं कुछ अभ्यर्थियों के अंक तक बढ़ा दिये गये थे.
शैक्षणिक के लिए निर्गत आवासीय प्रमाणपत्र, नर्सरी प्रशिक्षण प्राप्त प्रमाणपत्र तक पर बहाली हो गयी थी. इस मामले का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के बाद 6 मार्च को प्रभात खबर ने किया था. खुलासे के बाद डीएसई ने इसे मानवीय भूल बताया था. इसके बाद विभाग ने उपायुक्त को मामले की जांच का आदेश दिया.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में नियुक्ति में गड़बड़ी के लिए प्रमुख रूप से डीएसई पीवी शाही, मरकच्चो के बीइइओ सूर्य प्रकाश प्रसाद, शिक्षा विभाग के प्रधान सहायक अजीत कुमार, धर्मेंद्र सिंह को जिम्मेवार बताया गया. कमेटी की सिफारिश पर उपायुक्त ने इन चारों को निलंबित करने की अनुशंसा करते हुए 20 मई को ही कार्मिक विभाग को पत्र लिखा है, पर अब तक निलंबन की कार्रवाई नहीं हुई. इसी बीच आरोपी डीएसई पीवी शाही का धनबाद तबादला कर दिया गया है. वहीं अन्य आरोपी कोडरमा में ही कार्यरत हैं.
अब तक नौ की नियुक्ति हो चुकी है रद्द
जांच कमेटी ने 27 शिक्षकों की नियुक्ति को संदिग्ध बताया था. इनमें से नौ नव नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति रद की गई, जबकि आठ अभ्यर्थियों के मामले को लेकर कार्मिक विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है.
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