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विफलता: सांसद रामटहल चौधरी ने ”हाहाप” पंचायत को लिया था गोद, लेकिन नहीं बदली किस्मत

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अाह्वान पर मौजूदा केंद्र सरकार के सांसदों ने एक-एक गांव (दरअसल पंचायत) को गोद लिया है. वहां हर जरूरी विकास कार्य व लोगों के जीवन स्तर को एक आदर्श बनाने के लिए. रांची के सांसद रामटहल चौधरी ने नामकुम प्रखंड के ‘हाहाप’ को आदर्श ग्राम बनाने के लिए गोद लिया […]

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अाह्वान पर मौजूदा केंद्र सरकार के सांसदों ने एक-एक गांव (दरअसल पंचायत) को गोद लिया है. वहां हर जरूरी विकास कार्य व लोगों के जीवन स्तर को एक आदर्श बनाने के लिए. रांची के सांसद रामटहल चौधरी ने नामकुम प्रखंड के ‘हाहाप’ को आदर्श ग्राम बनाने के लिए गोद लिया है. पर ग्रामीणों के अनुसार इस गांव में सांसद की पहल पर कोई काम नहीं हुआ है.
दरअसल, हाहाप तक पहुंचना ही दुरूह कार्य है. वहीं सड़क, बिजली व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाअों की हालत के मद्देनजर हाहाप में ऐसा कुछ भी नहीं, जिसे आदर्श माना जाये. रामपुर-हटिया सेक्शन के रिंग रोड पर स्थित सरवल गांव से हाहाप की दूरी करीब पांच किमी है. पर वहां तक पहुंचने का रास्ता टूटा हुआ तथा पत्थरों से भरा है. इसी सड़क से होकर हाहाप पंचायत के कुल 14 गांवों के करीब पांच हजार ग्रामीण आवागमन करते हैं. बच्चों व युवाअों के लिए स्कूल-कॉलेज जाना कष्टकर है.
आदर्श ग्राम के नाम पर
आदर्श ग्राम योजना की नोडल एजेंसी झारखंड स्टेट लाइवलीहूड प्रमोशन सोसाइटी को बनाया गया है. एजेंसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी गांवों में संबंधित सांसदों तथा संबंधित जिले के उपायुक्तों का संयुक्त भ्रमण हो चुका है. वहीं जिला स्तरीय कमेटी ने 20 (14 लोकसभा तथा छह राज्य सभा सांसद) में से 19 पंचायतों की ग्राम विकास योजना को मंजूरी दे दी है. सबसे पहले इन गांवों में सड़क, बिजली, शौचालय व पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं बहाल की जानी हैं. इन गांवों में पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत बिजली पहुंचायी जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार करीब 65 फीसदी गांवों का विद्युतिकरण हो गया है. वहीं सड़क निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं.
सभी काम पहले के
विकास कार्य के नाम पर गांव में जो कुछ भी है, वह सांसद के गोद लेने से पूर्व का है. जैसे गांव में कुछ सोलर स्ट्रीट लाइटें लगी हैं. वहीं, सोलर आधारित ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के तहत सिर्फ हाहाप में (अन्य गांवों में नहीं) एक यूनिट लगायी गयी है. इससे 30 घरों में पाइप से जलापूर्ति होती है. स्वास्थ्य उपकेंद्र व पंचायत का नया भवन बना है. पर इन दोनों का सांसद आदर्श ग्राम योजना से कोई लेना-देना नहीं है.
खराब ही रहता है ट्रांसफारमर
गांव में 25 केवीए के ट्रांसफारमर से दौ सो से अधिक घरों को बिजली मिल रही है. ट्रांसफारमर कई बार जल चुका है. इसके ठीक रहने पर भी कम से कम रोशनी के स्तर पर बल्ब व लालटेन में अंतर करना मुश्किल है.

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