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नियुक्ति शुरू हुई, तो गुजरी बीएड पास की उम्र
आरक्षण रोस्टर क्लियर नहीं हाेने के कारण वर्ष 2012 में भौतिकी, रसायन व इतिहास विषय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी थी. उक्त विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति एकीकृत बिहार के समय में ही हुई थी. शिक्षा विभाग ने अब उक्त विषयों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. इन विषयों से बीएड पास हजारों […]
आरक्षण रोस्टर क्लियर नहीं हाेने के कारण वर्ष 2012 में भौतिकी, रसायन व इतिहास विषय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी थी. उक्त विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति एकीकृत बिहार के समय में ही हुई थी. शिक्षा विभाग ने अब उक्त विषयों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. इन विषयों से बीएड पास हजारों अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा.
रांची: राज्य में पहली बार प्लस-टू उच्च विद्यालय में भौतिकी, रसायन व इतिहास विषय में शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इन विषयों में काफी संख्या में बीएड सफल अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पायेंगे. अभ्यर्थियों की उम्र नियुक्ति की आस में गुजर गयी. राज्य गठन के बाद वर्ष 2012 में प्लस-टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनायी गयी. वर्ष 2012 में ही प्लस-टू विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. आरक्षण रोस्टर क्लियर नहीं होने के कारण भौतिकी, रसायन व इतिहास विषय में नियुक्ति नहीं हो पायी. उक्त विषयों में एकीकृत बिहार के समय(1989-90) में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. शिक्षा विभाग ने अब इन विषय में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है. इन विषय से बीएड पास हजारों अभ्यर्थियों को नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा. इन विषय से बीएड सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके बैच के अन्य विषय के अभ्यर्थियों को वर्ष 2012 की परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिला था. वर्ष 2012 में इन विषयों में नियुक्ति होने से उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता. सरकार द्वारा अगर समय पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी होती, तो वे परीक्षा में शामिल होने से वंचित नहीं होते.
निर्धारित उम्र में पांच वर्ष की छूट देने की मांग
बीएड सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि इन विषय में प्लस-टू स्तर पर शिक्षकों की पहली बार नियुक्ति हो रही है, इस कारण उन्हें पूर्व नियुक्ति के कट डेट के अनुरूप परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाये. अभ्यर्थियों ने नियुक्ति के लिए निर्धारित उम्र में कम से कम पांच वर्ष की छूट देने की मांग की है, ताकि वर्ष 2012 की नियुक्ति में निर्धारित उम्र के अनुरूप वे भी परीक्षा में शामिल हो सके.
नियुक्ति के लिए निर्धारित उम्र
नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की उम्र की गणना उस वर्ष की पहली जनवरी से की जायेगी. नियुक्ति परीक्षा में शामिल हाेने की न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष होगी. सामान्य कोटि के अभ्यर्थियों की अधिकतम उम्र 40 वर्ष, महिला (अनारक्षित/ पिछड़ा वर्ग/ अत्यंत पिछड़ा वर्ग) के लिए 43 वर्ष, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 42 वर्ष, अनुसूचित जाति (महिला/ पुरुष) 45 वर्ष अनुसूचित जनजाति (महिला/ पुरुष) अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गयी है. सभी कोटि के नि:शक्तों अभ्यर्थियों को निर्धारित उम्र सीमा में पांच वर्ष की छूट दी जायेगी.
मेरी पीड़ा
विकास तिवारी ने वर्ष 1992 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. विकास ने बताया कि उसका जन्म 1975 में हुआ था. इतिहास विषय से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद बीएड किया. वह शिक्षक बनना चाहता था, मध्य विद्यालय की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल भी हुआ था, पर 45 हजार टेट सफल अभ्यर्थी के लिए मात्र चार हजार पद था. इसमें से भी 50 फीसदी पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित था. ऐसे में उनका चयन नहीं हो पाया. अब प्लस-टू उच्च विद्यालय में इतिहास विषय में शिक्षक की नियुक्ति होने जा रही है. इसके अलावा उच्च विद्यालय में पहली बार एक साथ 18000 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. राज्य गठन के बाद 15 वर्ष में अब तक उच्च विद्यालय में मात्र तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. विकास का कहना है कि अगर नियमित रूप से शिक्षकों की नियुक्ति होती रहती तो उन्हें सभी परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता. ऐसे में अब जब सरकार एक साथ इतनी अधिक संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है, तो उनके जैसे अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाये. इसके लिए उम्र सीमा में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति की तरह पांच वर्ष की छूट दी जाये.
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