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भाजपा ने सरकारी कर्मचारियों की अनदेखी की है : सुबोधकांत
रांची. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने 7वें वेतन कमीशन को निराशाजनक एवं इतिहास के सबसे कम बढ़ोतरी वाला वेतन बताया है. उन्होंने कहा है कि भाजपा ने सरकारी कर्मचारियों की अनदेखी की है. प्राइवेट सेक्टर को मदद करने के लिए सरकारी तंत्र का गला दबाया गया है. श्री सहाय ने कहा कि हर दशक […]
रांची. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने 7वें वेतन कमीशन को निराशाजनक एवं इतिहास के सबसे कम बढ़ोतरी वाला वेतन बताया है. उन्होंने कहा है कि भाजपा ने सरकारी कर्मचारियों की अनदेखी की है. प्राइवेट सेक्टर को मदद करने के लिए सरकारी तंत्र का गला दबाया गया है.
श्री सहाय ने कहा कि हर दशक में एक वेतन आयोग की स्थापना होती है. 7वीं दशक आजादी के बाद है तो ये 7वां वेतन आयोग है. 2003 में बीजेपी और एनडीए की सरकार थी, लेकिन दुर्भाग्य रहा कि 6 वर्ष वेतन आयोग की स्थापना ही नहीं हो पायी. उसके बाद जब यूपीए की सरकार आयी, तब छठे वेतन की स्थापना हुई़ वर्तमान वेतन आयोग पहला ऐसा है जिसमें महंगाई भत्ता को बेसिक में मर्ज नहीं हो रहा है, लिहाजा सरकारी कर्मचारियों को बहुत ही नुकसान में रहना होगा. हमारे देश में लगभग 47 लाख सरकारी कर्मचारी, आमर्ड फोर्सेस, पैरा मिलिट्री के लोग हैं. 53 लाख पेंशनर है, जो अपने आपको छला महसूस कर रहे हैं.
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