रांची. ओलमुंडा, सिसई की बसंती (नाम परिवर्तित) को उसके ही गांव के धर्मदास ने अच्छी शिक्षा दिलाने का सब्जबाग दिखा कर दिल्ली ले जाकर प्लेसमेंट एजेंसी को सौंप दिया था़ सिसई के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश गोप की शिकायत पर छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ ने बसंती का पता लगाया और उसे वापस लाकर मंगलवार को उसके […]
रांची. ओलमुंडा, सिसई की बसंती (नाम परिवर्तित) को उसके ही गांव के धर्मदास ने अच्छी शिक्षा दिलाने का सब्जबाग दिखा कर दिल्ली ले जाकर प्लेसमेंट एजेंसी को सौंप दिया था़ सिसई के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश गोप की शिकायत पर छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ ने बसंती का पता लगाया और उसे वापस लाकर मंगलवार को उसके परिजनों को सौंप दिया़ उसे मालिक से 22,000 हजार रुपये भी दिलवाये गये है़ं.
बसंती ने बताया कि बिरसा चौक में मकान लेकर रह रहे धर्मदास ने एक साल पहले उसे सिसई से रांची ले आया, फिर दिल्ली ले जाकर काम पर लगा दिया़ उसके मेहनताना के 25,000 रुपये भी वह हजम कर गया़.
इस दौरान उसके परिजनों ने कोई शिकायत नहीं दर्ज करायी़ जागरूकता अभियान के दौरान जब प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस बाबत जानकारी मिली, तब उन्होंने चाइल्ड लाइन की मदद ली़ बसंती को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ायी गयी़ बसंती को वापस लाने में छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ के रवींद्रनाथ श्रीवास्तव, पूनम देवी, धमेंद्र लकड़ा, जास्मिन व अन्य लोगों ने सहयोग किया.