कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए सेल को खनन कार्य करते रहने का आदेश दिया. इतना ही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को भी खारिज कर दिया, जिसमें वर्ष 2009 से लेकर 2014 तक बिना लीज नवीकरण के किये गये खनन को अवैध बताते हुए लगभग 1800 करोड़ रुपये देने काे कहा गया था. सेल की ओर से राज्य सरकार के उक्त आदेश को चुनाैती दी गयी थी. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस एके गुप्ता की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. पूर्व में एकल पीठ ने सेल के आयरन अोर माइंस के लीज का नवीकरण करने व ऐसा नहीं करने पर स्वत: खनन कार्य प्रारंभ करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ अपील याचिका दायर की थी.
इसी तरह के एक अन्य मामले में राज्य सरकार की अपील याचिका पर लंबी सुनवाई हुई. सुनवाई जारी रही. राज्य सरकार ने टाटा स्टील लिमिटेड के चाईबासा स्थित आयरन अोर माइंस के लीज नवीनीकरण मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी है. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 30 जुलाई की तिथि निर्धारित की. सेल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता श्री पटवालिया व टाटा स्टील लिमिटेड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंधवी ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि सेल व टाटा स्टील के माइंस मामले में राज्य सरकार ने अपील याचिका दायर की है. वहीं टाटा स्टील, अोड़िशा मैगनीज व मिनरल्स व मेसर्स एसीसी लिमिटेड ने राज्य सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है. सभी याचिकाअों पर साथ-साथ सुनवाई हो रही है.