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सहूलियत: ऑनलाइन ही दुरुस्त की जा रहीं हैं आवेदनों की कमियां, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हुआ ऑनलाइन
रांची: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में क्लीयरेंस देने की प्रक्रिया पेपर लेस हो गयी है. अब इसके लिए किसी तरह की कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है. आवेदन करने से लेकर निर्गत करने तक का काम अॉन लाइन होता है. इसके अलावा मोबाइल एप से भी यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है.झारखंड ऐसा पहला […]
रांची: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में क्लीयरेंस देने की प्रक्रिया पेपर लेस हो गयी है. अब इसके लिए किसी तरह की कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है.
आवेदन करने से लेकर निर्गत करने तक का काम अॉन लाइन होता है. इसके अलावा मोबाइल एप से भी यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है.झारखंड ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने आवेदकों के एसएमएस एलर्ट भेजने के लिए मोबाइल एप का उपयोग करता है. क्लीयरेंस लेने के लिए आवेदकों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है. मोबाइल पर आवेदन स्वीकृत होने से लेकर प्रमाण पत्र निर्गत होने तक की जानकारी एसएमएस से दी जाती है. बोर्ड उद्योगों को कंसेंट टू इस्टेब्लिस (सीटीइ) तथा कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) की सुविधा देता है.
14 माह में करीब 2700 लाइसेंस जारी
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड के अध्यक्ष डॉ डीडी शर्मा ने बताया कि बोर्ड की वेबसाइट पर पिछले 14 माह के सभी लाइसेंस पारदर्शी तरीके से डाल दिये गये हैं. इस अविध में करीब 27 सौ लाइसेंस जारी किये गये. दोनों प्रकार के लाइसेंस के लिए आवेदकों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है. वे कहीं से भी अॉन लाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन में कोई कमी हो तो इसे भी ऑन लाइन दुरुस्त किया जा सकता है. सीटीइ तथा सीटीओ भी डिजिटल साइन से निर्गत होने लगा है. इसके लिए जरूरी फाइल नंबर भी स्वत: तैयार हो रहे हैं.
लाइसेंस जारी करने की अवधि घटी
उद्योगों को लाइसेंस देने की अवधि घट गयी है. सीटीइ पहले औसतन 120 दिनों में जारी होता था. यह औसतन 69 दिन हो गया है. सीटीओ देने की प्रक्रिया भी पहले 120 दिनों की थी. इसमें ग्रीन कैटगरी के लिए 30, ऑरेंज के लिए 40 तथा रेड के लिए 69 दिन औसतन हो गया है.
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