प्रियंका को छह जून को बिष्टुपुर के स्टील सिटी नर्सिंग होम में भरती कराया गया था. यहां डाॅ निशा तिवारी ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के प्रियंका के प्रति पत्रकार प्रियरंजन को बताया कि सब कुछ ठीक है. डिलेवरी नॉर्मल होगी. सब कुछ ठीक होने की बात सुन कर प्रियरंजन ने अपनी पत्नी को नर्सिंग होम में भरती करा दिया. उसी रात करीब 10.30 बजे प्रियरंजन को मोबाइल पर सूचना मिली कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है. आप जल्द नर्सिंग होम आयें. यहां पहुंचने पर डाॅ निशा तिवारी ने बताया कि प्रियंका की स्थिति ठीक नहीं है.
बच्चे ने पेट में मल कर दिया है.ऑपरेशन करना होगा. उसके बाद ऑपरेशन कर प्रसव कराया गया. प्रियरंजन ने बताया कि नवजात के हाथ पर भी कटे का निशान पाया गया.ऑपरेशन के बाद से प्रियंका को दर्द होता रहा़ कहने के बाद भी डॉक्टर ने ध्यान नहीं दिया. अगले दिन सात जून को सुबह से ही प्रियंका की स्थिति बिगड़ती चली गयी. नर्सिंग होम से फिर फोन कर उन्हें बुलाया गया.
नर्सिंग होम पहुंचने पर उन्होंने देखा कि सभी डॉक्टर घबराये हुए हैं. पूछने पर बताया कि थोड़ी गड़बड़ी हो गयी है. इसी क्रम में जानकारी मिली कि किसी दवा का ओवर डोज दे दिया गया है. इस कारण से तबीयत खराब हो गयी है. आठ जून की सुबह करीब 4.30 बजे प्रियंका को नर्सिंग होम से टीएमएच रेफर किया गया. टीएमएच में बताया गया कि प्रियंका का गलत ऑपरेशन हुआ है. इस कारण खून नहीं रुक रहा है. फिर से ऑपरेशन करना होगा. आठ जून को टीएमएच में फिर से ऑपरेशन किया गया. बताया गया कि मरीज की किडनी और लंग्स खराब हो गये हैं. मरीज को सीसीयू में रेफर कर दिया गया, जहां 15 जून की रात उसकी मौत हो गयी. गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम करा कर बिष्टुपुर के पार्वती घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.