इसके अलावा उसका टीपीसी के किसी उग्रवादी से संबंध नहीं है. उसने कुछ पुलिस अफसरों से अपने संबंध होने की जानकारी भी छापेमारी टीम में शामिल पुलिस अफसरों को दी थी. छापेमारी टीम में शामिल एक पुलिस पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पकड़ने जाने के बाद सुजीत सिन्हा इस बात को लेकर सबसे अधिक आश्चर्यचकित था कि जब वह पुलिस अफसरों के लिए ही काम करता था, तब पुलिस ने उसे क्यों पकड़ा. उसने यह भी कहा था कि मैंने पुलिस अफसरों के लिए कई अपराधियों से दुश्मनी की, लेकिन इससे मुझे क्या फायदा हुआ. उसने यह भी बताया था कि वह पकड़े जाने से पहले किन पुलिस अफसरों के संपर्क में था और कौन-कौन से काम किये थे. हालांकि गिरफ्तारी के बाद जेल भेजने से पहले सुजीत सिन्हा द्वारा दी गयी उक्त जानकारी को पुलिस ने अभी रिकॉर्ड में नहीं लाया है.
पुलिस अधिकारियों का मामला में यही कहना है कि सुजीत सिन्हा को रिमांड पर लाने के बाद उससे विभिन्न बिंदुआें पर पूछताछ की जायेगी. उल्लेखनीय है कि सुजीत सिन्हा पूर्व में भी इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद पर हमला के आरोपी लवकुश को पकड़वाने के नाम पर एक पुलिस अधिकारी के कहने पर बिहार गया था. तब सुजीत सिन्हा ने लवकुश के सहयोगी सोनू शर्मा को से एक वादा किया था. सुजीत सिन्हा ने कहा था कि सोनू अगर लवकुश को पकड़वा देगा, तो पुलिस अधिकारियों से बात कर समरेेंद्र प्रसाद केस में उसे बचा लेगा. इस बात की जानकारी समरेंद्र प्रसाद मामले में गया से गिरफ्तार होने के बाद सोनू शर्मा ने पूछताछ में पुलिस को दी थी.
पूर्व में स्पेशल ब्रांच के अधिकारी सुजीत सिन्हा और उसके गिरोह की सक्रियता को लेकर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के पास रिपोर्ट कर चुके थे. रिपोर्ट में सुजीत सिन्हा के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई करने की अनुशंसा भी की गयी थी. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के बाद ही पुलिस अधिकारियों ने सुजीत सिन्हा की तलाश तेज कर दी थी.