हेमंत सोरेन ने कहा कि हम लोग कोर्ट से परमिशन ले रहे है़ं वोटिंग के बाद गिरफ्तार भी हो जायेंगे, तो मिल कर लड़ाई लडेंगे़ लेकिन परमिशन नहीं मिला़ मैं 11 तारीख को इंतजार करता रहा़ मेरी क्या गलती है़ मैं तो वोट देने के लिए तैयार था़.
Advertisement
राज्यसभा चुनाव: गिरफ्तारी के डर से वोट डालने नहीं आया- बिट्टू सिंह
रांची: राज्यसभा चुनाव में अप्रत्याशित रूप से दूसरी सीट भी जीतने में भाजपा सफल रही. विपक्ष की हार की मुख्य वजह थी दो विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किया जाना और कांग्रेस विधायक बिट्टू सिंह तथा झामुमो विधायक चमरा लिंड्डा का वोट में हिस्सा नहीं लेना. इस मुद्दे पर प्रभात खबर ने बिट्टू सिंह से बात […]
रांची: राज्यसभा चुनाव में अप्रत्याशित रूप से दूसरी सीट भी जीतने में भाजपा सफल रही. विपक्ष की हार की मुख्य वजह थी दो विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किया जाना और कांग्रेस विधायक बिट्टू सिंह तथा झामुमो विधायक चमरा लिंड्डा का वोट में हिस्सा नहीं लेना. इस मुद्दे पर प्रभात खबर ने बिट्टू सिंह से बात की.
आप राज्यसभा चुनाव में वोट डालने क्यों नहीं आये़
मैं हर जगह पार्टी के साथ खड़ा रहा़ 24 को विधायक दल की बैठक में गया़ 25 को मैं बसंत सोरेन के नॉमिनेशन में भी था़ मैं विधानसभा भी गया था़ मैं प्रस्तावक बना़ नॉमिनेशन के बाद एक मामले में मुझे पकड़ने के लिए पुलिस रेड करने लगी़ मैंने पार्टी के नेताओं को भी बताया कि मुझे पकड़ने के लिए छापेमारी हो रही है़ मैं आर्या होटल में सह-प्रभारी ताराचंद भगोरा से भी मिला़ उस दिन हेमंत सोरेन के घर भोज था़ तारांचद ने कहा कि तुम क्यों वहां जाओगे, भीड़-भाड़ रहेगी, पुलिस खोज रही है़ इसके बाद मैं हेमंत के घर नहीं गया़ मैंने प्रभारी बीके हरि प्रसाद को भी सारी बात बतायी थी़.
आप तो 10 तारीख को रांची में ही थे, तो फिर 11 जून को वोटिंग में आने में क्या परेशानी हुई.
हां सही है कि मैं 10 तारीख को रांची में था़ सुबोधकांत सहाय के घर अजय माकन आये थे़ वहां हेमंत सोरेन भी थे़ मैंने वहां नेताओं को बताया कि नौ तारीख को पुलिस ने रेड किया है़ तरहसी में पुलिस मुझे खोजने गयी थी़ हमसे एफआइआर की कॉपी मांगी गयी़
हेमंत सोरेन ने कहा कि हम लोग कोर्ट से परमिशन ले रहे है़ं वोटिंग के बाद गिरफ्तार भी हो जायेंगे, तो मिल कर लड़ाई लडेंगे़ लेकिन परमिशन नहीं मिला़ मैं 11 तारीख को इंतजार करता रहा़ मेरी क्या गलती है़ मैं तो वोट देने के लिए तैयार था़.
आप पर वारंट तो नहीं था, फिर क्या परेशानी थी़
मेरे ऊपर वारंट नहीं था, लेकिन अखबारों में भी आया था कि 11 की सुबह पुलिस वारंट ले रही है़ पलामू से तीन गाड़ी पुलिस विधानसभा भेजी गयी थी. मुझे इसकी सूचना मिली थी़.
वारंट था ही नहीं, तो परमिशन की बात कहां से आ गयी़
मुझे बताया गया था कि कोर्ट से परमिशन लिया जा रहा है़ सुप्रीम कोर्ट से परमिशन आने की बात थी़ हेमंत सोरेन ने खुद कहा था़.
निर्मला देवी तो वोट देने आयी़ं क्या यह सही नहीं है कि पार्टी आपको लाने के लिए तैयार थी़
मुझे सूचना मिली कि विधानसभा में पलामू पुलिस से लेकर पूरा महकमा लगा है़ पुलिस मेरे घर तक गयी थी़ मुझे ऐसे खोजा जा रहा था कि मैं अंडर वर्ल्ड का अपराधी हू़ं
आपने तो अपना मोबाइल भी बंद कर लिया था़ पार्टी नेताओें से संपर्क तो आप कर सकते थे़
मुझे मोबाइल बंद करने को कहा गया था़ हां, मैं दूसरे फोन पर नेताओं से संपर्क कर सकता था़ मैं वोट देने जाता तो गिरफ्तार हो जाता़ मेरी गलती इतनी थी कि गिरफ्तारी के डर से वोट डालने नहीं गया़ मेरे क्षेत्र के लोगों ने भी कहा कि गिरफ्तार हो जायेंगे, तो कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा़ इसलिए भी मैं वोट देने नहीं आया़.
मामला है, फिर गिरफ्तारी तो आज भी हो सकती है़
हां, हो सकती है़
चर्चा है कि चूंकि झामुमो ने आपके खिलाफ चुनाव लड़ा था, तो उसकी भी कसक थी.
हां, मुझे इस बात का दु:ख था़ मैंने यह बात बीके हरि प्रसाद साहब के पास भी कही थी. उन्होंने कहा कि राजनीति में यह सब होता है़ आलाकमान का फैसला है, वोट देना है़ मैंने उनसे कहा था कि आप मेरे आलाकमान हैं, जैसा कहेंगे, करेंगे़ हेमंत भइया ने भी कहा था कि राजनीति में होता है़ आगे आपकी मदद करेंगे़ मिल कर हम सब लड़ेंगे़ इसके बाद मेरे अंदर कोई क्षोभ नहीं था़ शुरू में दु:ख जरूर हुआ था़ लेकिन इससे वोट नहीं देने का कोई लेना-देना नहीं है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement