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बीमार कोच ने पैसों के अभाव में दम तोड़ा
रांची: खेल विभाग की लापरवाही ने रविवार को पूर्व एथलीट (लांग जंप के गोल्ड मेडलिस्ट) कृष्णा उरांव की जान ले ली. वह पिछले एक महीने से बीमार थे. सिसई (गुमला) डे-बोर्डिंग सेंटर के एथलेटिक्स कोच कृष्णा उरांव का इलाज रिम्स में चल रहा था. लेकिन पैसों के अभाव में उनका उचित इलाज नहीं हो सका. […]
रांची: खेल विभाग की लापरवाही ने रविवार को पूर्व एथलीट (लांग जंप के गोल्ड मेडलिस्ट) कृष्णा उरांव की जान ले ली. वह पिछले एक महीने से बीमार थे. सिसई (गुमला) डे-बोर्डिंग सेंटर के एथलेटिक्स कोच कृष्णा उरांव का इलाज रिम्स में चल रहा था. लेकिन पैसों के अभाव में उनका उचित इलाज नहीं हो सका. सरकार की ओर से कृष्णा को मात्र 5500 रुपये का मानदेय मिलते थे. पर पिछले 14 माह से उन्हें मानदेय नहीं मिला था.
कृष्णा को रूरल नेशनल और नेशनल स्कूल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लांग जंप में गोल्ड मेडल मिला था. उनसे प्रशिक्षण लेकर कई एथलीट राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं. कृष्णा के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं. झारखंड में सरकार की ओर से 123 डे-बोर्डिंग सेंटर खोले गये थेे. इन सेंटरों में मात्र 5500 रुपये मानदेय पर कोच भी नियुक्त किये गये. पर पिछले डेढ़-दो सालों ने उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है.
इससे उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इनके अलावा राज्य में 36 आवासीय सेंटर भी हैं, लेकिन अब सिर्फ 22 कार्यरत हैं. इन सेंटरों के मानदेय का भुगतान भी पिछले एक साल से नहीं हो पाया है.
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