रांची : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) की अोर से रविवार को सभागार परिसर में रिफ्रेशर ट्रेनिंग का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि न्यायाधीश व झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि इस तरह के सेमिनार का आयोजन हर तीन महीने में किया जायेगा, ताकि इसका अधिकाधिक फायदा मिल सके. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान हमें काफी प्रश्न पूछने चाहिए, ताकि हमारे अंदर जो झिझक है, वह समाप्त हो और हमारी जानकारी बढ़े.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में लोक अदालत व मेगा लोक अदालत लगा कर अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन किया गया है. इस दौरान 881 करोड़ रुपये का सेटलमेंट हुआ है, जिसमें 94 लाख रुपये पीड़ित परिवार को दिये गये.
कुल 60 हजार मामलों का निष्पादन किया गया. उन्होंने कहा कि झारखंड हाइकोर्ट का सक्सेस रेट 64.86 प्रतिशत है, जो दूसरे कई हाइकोर्ट से ऊपर है. सम्मानित अतिथि गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश परेश उपाध्याय ने कहा कि समाज कल्याण के लिए क्या करना है अौर क्या नहीं करना है, यह सभी को मालूम है.
हमारा काम है कि हम इसे बेहतर तरीके से लागू करने में मदद करें. झारखंड एक जनजातीय राज्य है, इसके विकास व यहां रहनेवाले लोगों के अधिकार काे सुरक्षा प्रदान करना हम सबों का काम है. मौके पर झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश एवी सिंह ने भी अपने विचार रख्े. मौके पर नालसा के आलोक अग्रवाल सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे. संचालन संतोष कुमार व धन्यवाद ज्ञापन न्यायिक आयुक्त नवनीत कुमार ने किया. मौके पर सम्मानित अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया. उदघाटन सत्र के बाद तीन तकनीक सत्र में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी.