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राज्यसभा चुनाव को लेकर दिल्ली से रांची तक जुड़ा रहा तार

पूर्व महाधिवक्ता कोलकाता होकर दिल्ली गये, डॉक्यूमेंट पूरा न होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी सुनवाई रांची में सुबोधकांत के घर में कांग्रेस की बनती रही रणनीति अजय माकन और डॉ अजय कुमार भी जमे रहे रांची : राज्यसभा चुनाव में विपक्ष की सारी रणनीति का तार रांची से लेकर दिल्ली […]

पूर्व महाधिवक्ता कोलकाता होकर दिल्ली गये, डॉक्यूमेंट पूरा न होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी सुनवाई
रांची में सुबोधकांत के घर में कांग्रेस की बनती रही रणनीति
अजय माकन और डॉ अजय कुमार भी जमे रहे
रांची : राज्यसभा चुनाव में विपक्ष की सारी रणनीति का तार रांची से लेकर दिल्ली तक जुड़ा हुआ था. कांग्रेस ने दिल्ली से विशेष तौर पर अजय माकन व डॉ अजय कुमार को इस अभियान में लगाया था. वहीं पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय भी इस बार चुनाव को लेकर सक्रिय दिखे. झाविमो से बात करने से लेकर पूरे विपक्ष को एकजुट करने में कांग्रेस और झामुमो खेमा लगा रहा. पर अंतिम समय में दो क्राॅस वोटिंग होने से विपक्ष की सारी रणनीति विफल हो गयी.
देर रात सड़क मार्ग से दिल्ली गये पूर्व महाधिवक्ता
झामुमो के विधायक चमरा लिंडा, कांग्रेस के देवेंद्र सिंह और निर्मला देवी पर वारंट जारी होने के बाद देर रात ही वकालतनामा लेकर पूर्व महाधिवक्ता आरएस मजुमदार सड़क मार्ग से कोलकाता गये.
कोलकाता से फ्लाइट लेकर वे दिल्ली पहुंचे. दिल्ली में कांग्रेस के वकील सलमान खुर्शीद से बात की. फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी. कहा गया कि दिन के दो बजे सुनवाई होगी. पर कागजात पूरी न होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. यहां पर विपक्ष की पहली हार हुई. हालांकि विपक्ष किसी तरह विधायक निर्मला देवी को विधानसभा तक लाने में सफल रहा. हेमंत सोरेन उनको खुद लाने गये. निर्मला देवी ने वोट दिया. बताया गया कि इसके लिए सुबोधकांत सहाय के आवास में रणनीति बनी थी. वहीं पर अजय माकन भी थे. वहीं से निर्मला देवी से बात की गयी. फिर उन्हें विधानसभा तक लाया गया.
देवेंद्र सिंह को भेजा संदेश
इधर, कांग्रेस के एक और विधायक देवेंद्र सिंह गायब थे. उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने कई बार उनसे संपर्क साधने की कोशिश की. पर वह सफल नहीं हो सके. इसके बाद देवेंद्र सिंह के एक करीबी के मोबाइल में उन्होंने फोन कर कहा कि विधायक को समझा दो, एक माह भी नहीं हुआ है विधायक बने हुए.
राजनीति न करें. नहीं तो शाम में सस्पेंड कर देंगे. इधर, वह दिल्ली में भी आलाकमान को पल-पल की रिपोर्ट दे रहे थे. निर्मला देवी के वोट देने के बाद उन्होंने संतोष की सांस ली. उन्होंने कहा कि अब वह शाम की फ्लाइट से दिल्ली लौट सकते हैं. उनका काम हो गया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत खुद पोलिंग एजेंट भी थे. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के सारे विधायकों ने एकजुट होकर बसंत सोरेन को वोट दिया है. पर शाम में जब रिजल्ट आया, तो सब एक-दूसरे को शक की निगाहों से देखने लगे.
बाबूलाल मरांडी भी आये
दोपहर में प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन से मिलने झाविमो के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक प्रदीप यादव आये. हेमंत उनके सम्मान में खड़े हो गये. वह बैठ नहीं रहे थे. उन्होंने कहा कि आप सीनियर हैं, आपके सामने कैसे बैठ सकते हैं. तब बाबूलाल ने ही उन्हें बैठाया. उन्होंने कहा कि बसंत सोरेन की जीत पक्की है. चिंता की कोई बात नहीं. पर रिजल्ट के बाद सारा पासा पलट गया.
एक-एक विधायक पर बन-बिगड़ रहे थे समीकरण
विधानसभा परिसर में थी गहमा-गहमी
रांची : झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के चुनाव को लेकर शनिवार को विधानसभा परिसर में गहमा-गहमी का माहौल था. एनडीए व विपक्षी दलों के विधायक एक-एक वोट को लेकर रणनीति बना रहे थे. विधायकों के वोट देने पर दलों के समीकरण बार-बार बदल रहे थे. एनडीए विधायक सुबह से ही रणनीति बनाने में जुट गये थे. मुख्यमंत्री रघुवर दास के एचइसी स्थित अावास पर सुबह आठ बजे से ही विधायकों का आना शुरू हो गया था.
यहां पर राज्यसभा के दोनों उम्मीदवार मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार को वोट देने के लिए सूची तैयार की गयी. किस उम्मीदवार को कौन विधायक वोट देगा. यह पहले से ही तय कर लिया गया. मुख्यमंत्री रघुवर दास और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के वोट को रिजर्व रखा गया था. सुबह के 8.45 बजे मुख्तार अब्बास नकवी के पक्ष में मतदान करने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी के नेतृत्व में एनडीए के 27 विधायकों का दल नौ गाड़ियों से विधानसभा के लिए रवाना हुआ.
नौ बजे विधानसभा पहुंचने के बाद एनडीए की ओर से पहला वोट प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी ने दिया. इसके बाद एनडीए के अन्य विधायकों ने अपने मतों का प्रयोग किया. दिन के साढ़े नौ बजे मुख्यमंत्री शेष बची पार्टी के विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे. इसी बीच सूचना आयी कि एनडीए विधायक विकास मुंडा ने पहले चरण में ही मुख्तार अब्बास नकवी के पक्ष में मतदान कर दिया है.
तब पहली सूची में शामिल मेनका सरदार को महेश पोद्दार के पक्ष में मतदान करने को कहा गया. इधर, झामुमो विधायक नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के नेतृत्व में दिन के 10 बजे विधानसभा पहुंचे. इनके साथ विधायक जगन्नाथ महतो भी शामिल थे. इसी समय झाविमो विधायक प्रदीप यादव और प्रकाश राम ने भी मतदान किया. वहीं दिन के 11.05 बजे सुखदेव भगत पार्टी के चार विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे. इनके साथ आलमगीर आलम, मनोज यादव, इरफान अंसारी और बादल साथ थे. इनके साथ मासस विधायक अरुप चटर्जी और भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव ने मतदान किया.
वोटिंग के पहले आजसू विधायकों ने की बैठक
रांची. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के पहले आजसू पार्टी के विधायकों ने बैठक की. बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने की. चुनाव समीकरणों पर विचार-विमर्श किया गया. मौके पर पेयजल व स्वच्छता, जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चाैधरी, टुंडी विधायक राजकिशोर महतो, जुगसलाई विधायक रामचंद्र सहिस, तमाड़ विधायक विकास कुमार मुंडा उपस्थित थे.
महेश पोद्दार की पत्नी व बेटी भी पहुंची थीं विधानसभा
भाजपा उम्मीदवार महेश पोद्दार की पत्नी और बेटी भी विधानसभा पहुंचीं. दोनों लगभग एक घंटे तक विधानसभा में रहीं. इस दौरान महेश पोद्दार के साथ उन्होंने फोटो भी खिंचाया.

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