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अज्ञात अधिकारियों पर दर्ज की प्राथमिकी

रांची: सिकिदिरी हाइडल प्रोजेक्ट घोटाले मेें सीबीआइ ने अज्ञात अधिकारियों पर गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली. प्राथमिकी में निजी लाभ के लिए सरकार को करीब 19 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. हाइडल प्रोजेक्ट की मरम्मत आदि का काम अधिक दर पर कराने का आरोप है. कहा गया है […]

रांची: सिकिदिरी हाइडल प्रोजेक्ट घोटाले मेें सीबीआइ ने अज्ञात अधिकारियों पर गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली. प्राथमिकी में निजी लाभ के लिए सरकार को करीब 19 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. हाइडल प्रोजेक्ट की मरम्मत आदि का काम अधिक दर पर कराने का आरोप है.

कहा गया है कि बिजली बोर्ड ने हाइडल प्रोजेक्ट की मरम्मत का काम वर्ष 2005 में 59 लाख रुपये की लागत से कराया था. 2011 में सिकिदिरी के इंजीनियरों ने इस काम के लिए एस्टीमेट तैयार किया था. एस्टीमेट में मरम्मत आदि की अधिकतम लागत 2.5 करोड़ रुपये आंकी गयी थी. इसमें कुल 14 तरह का काम बताया गया था.

इसके बाद 2012 में भेल ने सिकिदिरी हाइडल प्रोजेक्ट की मरम्मत आदि के काम के लिए बोर्ड को अपना प्रस्ताव दिया. 13 फरवरी को दिये गये इस प्रस्ताव में भेल की ओर से 24.34 करोड़ रुपये में काम करने की पेशकश की गयी थी. 13 फरवरी को ही बिजली बोर्ड के तत्कालीन निदेशक मंडल की बैठक हुई.

इसमें भेल को नोमिनेशन पर काम देने का फैसला किया गया. इस फैसले के आलोक में बोर्ड के अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद भेल के अधिकारियों ने 21.80 करोड़ में काम करने की बात स्वीकार की. बोर्ड द्वारा वर्क ऑर्डर मिलने के बाद भेल ने वही काम दिल्ली की एनइपीएल नामक कंपनी को 15 करोड़ रुपये में दे दिया. एनइपीएल ने बोर्ड की ओर से 2005 में आमंत्रित निविदा में भाग लिया था़ पर बोर्ड ने उसे अयोग्य घोषित कर दिया था़ प्राथमिकी में इस पूरे प्रकरण को सुनियोजित साजिश के तहत निजी लाभ के लिए अंजाम देने का आरोप लगाया गया है.

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