गोड्डा से आयी कंचन कुमारी ने ओड़िशा के पूर्व डीजीपी संजीव मरिक पर मकान तोड़ अपनी जमीन तक रास्ता बनाने का आरोप लगाया. निशा गोड्डा के करहरिया बस्ती की रहनेवाली है. उसके घर के पीछे संजीव मारिक की जमीन है. वहां तक रास्ता बनाने के लिए दस अप्रैल को पूर्व डीजीपी मारिक ने उसका घर तुड़वा दिया और अपनी जमीन तक रास्ता बना लिया. इसकी शिकायत करने जब निशा के पिता अरविंद मांझी मुफस्सिल थाना पहुंचे तो पुलिसवालों ने संजीव मारिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. थाना में उनसे कहा गया कि संजीव मरिक बड़े अादमी हैं, उनका कुछ नहीं होगा. प्राथमिकी कराने पर आपकी परेशानी बढ़ेगी. पिटाई भी होगी. निशा ने बताया कि इसके बाद संजीव मरिक के आदेश पर जिन लोगों ने घर तोड़ा था उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. प्राथमिकी के बाद संजीव मारिक के लोगों ने उनके परिजन के साथ पिटाई कर दी. कल्याण मंत्री ने कंचन की शिकायत सुनने के बाद गोड्डा एसपी से बात की. एसपी को दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया. उल्लेखनीय है कि संजीव मारिक गोड्डा उप चुनाव में झामुमो के प्रत्याशी थे. मौके पर दिल्ली की रहनेवाली उषा देवी भी नौकरी के नाम पर उससे की गयी ठगी के पैसे वापसी की गुहार लगाने पहुंची थी.
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अंधेरगर्दी: गोड्डा की कंचन कुमारी ने जनता दरबार में लगायी गुहार, कहा पूर्व डीजीपी ने रास्ते के लिए घर तोड़वा दिया
रांची : कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा है कि कानून के सामने सब बराबर है. कानून अपना काम करेगा. व्यक्ति छोटा हो या बड़ा अगर किसी के खिलाफ केस हुआ है, तो पुलिस जांच कर कार्रवाई करेगी. उक्त बातें कल्याण मंत्री ने बुधवार को ओड़िशा के पूर्व डीजीपी संजीव मरिक के खिलाफ गोड्डा पुलिस […]
रांची : कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा है कि कानून के सामने सब बराबर है. कानून अपना काम करेगा. व्यक्ति छोटा हो या बड़ा अगर किसी के खिलाफ केस हुआ है, तो पुलिस जांच कर कार्रवाई करेगी. उक्त बातें कल्याण मंत्री ने बुधवार को ओड़िशा के पूर्व डीजीपी संजीव मरिक के खिलाफ गोड्डा पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने के मामले में पूछे गये सवाल के जवाब में कही. कल्याण मंत्री मुख्यमंत्री सचिवालय में लगे जनता दरबार में लोगों की शिकायत सुन रही थी.
गोड्डा से आयी कंचन कुमारी ने ओड़िशा के पूर्व डीजीपी संजीव मरिक पर मकान तोड़ अपनी जमीन तक रास्ता बनाने का आरोप लगाया. निशा गोड्डा के करहरिया बस्ती की रहनेवाली है. उसके घर के पीछे संजीव मारिक की जमीन है. वहां तक रास्ता बनाने के लिए दस अप्रैल को पूर्व डीजीपी मारिक ने उसका घर तुड़वा दिया और अपनी जमीन तक रास्ता बना लिया. इसकी शिकायत करने जब निशा के पिता अरविंद मांझी मुफस्सिल थाना पहुंचे तो पुलिसवालों ने संजीव मारिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. थाना में उनसे कहा गया कि संजीव मरिक बड़े अादमी हैं, उनका कुछ नहीं होगा. प्राथमिकी कराने पर आपकी परेशानी बढ़ेगी. पिटाई भी होगी. निशा ने बताया कि इसके बाद संजीव मरिक के आदेश पर जिन लोगों ने घर तोड़ा था उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. प्राथमिकी के बाद संजीव मारिक के लोगों ने उनके परिजन के साथ पिटाई कर दी. कल्याण मंत्री ने कंचन की शिकायत सुनने के बाद गोड्डा एसपी से बात की. एसपी को दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया. उल्लेखनीय है कि संजीव मारिक गोड्डा उप चुनाव में झामुमो के प्रत्याशी थे. मौके पर दिल्ली की रहनेवाली उषा देवी भी नौकरी के नाम पर उससे की गयी ठगी के पैसे वापसी की गुहार लगाने पहुंची थी.
पीएलएफअाइ के पूर्व जोनल कमांडर ने मांगी नौकरी
पीएलएफअाइ के पूर्व जोनल कमांडर मंटू साहू ने जनता दरबार में घाेषणा के अनुरूप सुविधा नहीं मिलने की शिकायत की. मंटू ने बताया कि वर्ष 2010 में उसने आत्मसमर्पण किया था. घोषणा के अनुरूप उसके परिजन को नौकरी नहीं मिली. मुकदमा लड़ने का खर्च भी नहीं मिला. मंटू को सरकार से 3.50 लाख रुपये मिले थे.
मांडू के बीडीओ ने शिकायत करने पर दी धमकी
जनता दरबार में आरटीआइ कार्यकर्ता बबलू साहू ने मांडू के बीडीओ जय कुमार राम पर धमकी देने का आरोप लगाया. बबलू ने बताया कि उसने चुंबा पंचायत में इंदिरा आवास योजना में हुई गड़बड़ी की शिकायत सीएम सचिवालय में की थी. इसके बाद बीडीओ ने उन्हें फोन पर देख लेने की धमकी दी. हरिजन एक्ट के तहत केस करने की धमकी दी.
इस पूरे मामले से मेरा कोई लेना -देना नहीं : संजीव मरिक
पूर्व डीजीपी संजीव मरिक ने कहा कि इस मामले से उनका काेई लेना देना नहीं है. जिस व्यक्ति ने आरोप लगाया है, उसके घर के पास न तो मेरा घर है, न ही जमीन है. अरविंद मांझी ने गलत तरीके से जमीन बंदोबस्ती करा ली है. उसने जहां घर बनाया वहां से चैती दुर्गा पूजा के लिए बने मंदिर तक रास्ता जाता था. उसने रास्ता बंद कर दिया था. इसके बाद गांव के लोगों ने उसका घर तोड़ दिया. इस मामले में थाना में प्राथमिकी दर्ज है. प्राथमिकी में उनका नाम नहीं है.
कनेक्शन कटवाने के बाद भेजा 2.54 लाख का बिल
जनता दरबार में सारठ से आये पवन मंडल ने बताया कि बिजली कनेक्शन कटवाने के बाद भी उसे 2.54 लाख का बिजली बिल भेज दिया गया है. पवन ने बताया कि वर्ष 2007 में विभाग द्वारा उसे 22,883 रुपये का बिल भेजा गया. उसने 2008 में बिजली कनेक्शन कटवा दिया. साथ ही बिजली बिल 22,883 रुपये में से दो किस्तों में पांच-पांच हजार रुपये का भुगतान भी किया. इसके बाद उसे वर्ष 2005 में 2.54 लाख का बिजली बिल भेज दिया गया. कल्याण मंत्री ने बिजली विभाग के जीएम से बात कर पवन की समस्या से अवगत कराया. जीएम ने शीघ्र मामले के निष्पादन की बात कही. पवन ने दूसरी ओर स्थानीय विधायक व कृषि मंत्री रणधीर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने जब अपनी समस्या मंत्री जी को बतायी तो उन्होंने कहा कि चुनाव में उसने किसे वोट दिया था . चुनाव में वोट नहीं देने की बात कह मंत्री ने उसकी मदद नहीं की.
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