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फौजी के घर नकद व गहने की चोरी नगड़ी पुलिस ने नहीं दर्ज की प्राथमिकी
नहीं थे थाना प्रभारी, कहा : बड़ा बाबू ही कुछ करेंगे, मंगलवार को बुलाया घर में चोरी की सूचना पाकर फौज में कार्यरत हवलदार वीरेंद्र विजय सिंह दिल्ली से दलादली पहुंचे. उनका परिवार चतरा गया हुआ था. नगड़ी थाने में तीन से अधिक बार प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचने पर भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. […]
नहीं थे थाना प्रभारी, कहा : बड़ा बाबू ही कुछ करेंगे, मंगलवार को बुलाया
घर में चोरी की सूचना पाकर फौज में कार्यरत हवलदार वीरेंद्र विजय सिंह दिल्ली से दलादली पहुंचे. उनका परिवार चतरा गया हुआ था. नगड़ी थाने में तीन से अधिक बार प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचने पर भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. वे पुलिस के इस व्यवहार से क्षुब्ध हैं.
रांची : रातू के दलादली निवासी फौज में हवलदार वीरेंद्र विजय सिंह के घर पांच जून की रात चोरी हो गयी़ अपराधी घर में लगे पांच ताले को काट कर अंदर घुसे और अलमारी का लॉकर तोड़ 50, 000 रुपये नकद व करीब ढाई लाख के गहने की चाेरी कर ली़
सूचना मिलने के बाद दिल्ली से हवलदार वीरेंद्र विजय सिंह सोमवार को रातू पहुंचे और प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे़ तीन से अधिक बार वे थाना गये, लेकिन थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह के नहीं रहने के कारण किसी अन्य पुलिसकर्मी ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की़ उनसे कहा गया कि बड़ा बाबू आयेंगे, तब ही प्राथमिकी दर्ज की जायेगी़ उन्हें मंगलवार की सुबह प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है़ यह रांची पुलिस की कार्यशैली को बयां करता है. अब यदि फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और डॉग स्क्वाइड की टीम आयेगी भी, तो उन्हें कुछ हाथ नहीं लगेगा़
हवलदार वीरेंद्र विजय सिंह ने बताया कि उनका घर चतरा में है़ गरमी
छुट्टी में परिवार के सभी सदस्य चतरा गये हुए थे़ पड़ोस में रहनेवाले अपने संबंधी को घर देखने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन शनिवार को उनके बच्चे का जन्मदिन होने के कारण वे फौजी के घर सोने नहीं आये़
घर में कोई नहीं रहने का फायदा चोरों ने उठाया और ताला तोड़ कर चोरी कर ली़ रविवार की सुबह पड़ोसियों ने दिल्ली में उन्हें फोन कर चोरी की सूचना दी़ उसके बाद सोमवार को वे रांची पहुंचे और चोरी की सूचना देने थाना पहुंचे़ उन्हें पुलिस से जो जवाब मिला, उससे वे अाहत है़ं
यदि किसी ने फौजी की प्राथमिकी दर्ज करने से मना किया है, उसकी जानकारी मुझे नहीं है़ अगर किसी ने कहा कि थाना प्रभारी के आने बाद ही कुछ होगा, तो इसकी जानकारी मैं अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों से लेता हू़ं थाना के पदाधिकारियाें को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी़ मैं एक छापामारी में लापुंग गया हुआ था़ वहां से लौटा, तो मंत्रीजी के कार्यक्रम में आ गया हू़ं किसी ने भी फौजी के तीन बार लौटने की बात मुझसे नहीं बतायी़ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का तो प्रश्न ही नहीं उठता़ हालांकि भुक्तभोगी फौजी को मुझसे फोन पर बात करनी चाहिए थी़
अजय कुमार सिंह, नगड़ी थाना प्रभारी
फौजी ने कहा
हाड़ कंपा देने वाली ठंड व जला देनेवाली गरमी में बाॅर्डर पर हम देश की सेवा करते है़ं हमारे राज्य के पुलिसकर्मी हमलोगों के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो किसके भरोसे अपने परिवार को छोड़ देश की सेवा करने बाॅर्डर पर जायेंगे़
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