रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में 11-14 आयु वर्ग की बालिकाओं में ड्रॉप आउट दर घटी है. वर्ष 2006 में यह 13 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2013 में घटकर 5.2 प्रतिशत हो गयी है. राष्ट्रीय औसत 5.5 प्रतिशत है. छह से 14 वर्ष के आयु वर्ग में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य के सरकारी स्कूलों में गणित में छात्र पिछड़ रहे हैं. एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2013 की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. 15 जनवरी को नयी दिल्ली में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने इस रिपोर्ट को जारी किया.
रिपोर्ट के मुताबिक आंगनबाड़ी जानेवाले पांच वर्ष के बच्चों की संख्या वर्ष 2012 (20.4 प्रतिशत) की तुलना में वर्ष 2013 (23.2 प्रतिशत) में बढ़ी है. इसी प्रकार छह से 14 वर्ष के विद्यार्थियों का सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ा है. वर्ष 2012 में यह 78.5 प्रतिशत था, जो वर्ष 2013 में 79.7 प्रतिशत हो गया. इस आयु वर्ग के छात्रों का निजी स्कूलों में भी नामांकन में 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई है. वर्ष 2012 में यह 15.5 था, जबकि वर्ष 2013 में बढ़कर 15.7 प्रतिशत हो गया. 11 से 14 वर्ष आयु वर्ग में सरकारी स्कूल में बच्चों का नामांकन वर्ष 2012 में 76.8 प्रतिशत था, जबकि 2013 में यह बढ़कर 78.1 प्रतिशत हो गया. असर की रिपोर्ट के मुताबिक गणित विषय में छात्र कमजोर हुए हैं. कक्षा दो में घटाव करनेवाले छात्रों का प्रतिशत वर्ष 2012 में 12.1 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2013 में यह घटकर 11.1 प्रतिशत हो गया. वर्ष 2010 में 18 प्रतिशत था. इसी प्रकार कक्षा चार में घटाव या उससे अधिक करनेवाले छात्र वर्ष 2012 में 36.8 प्रतिशत थे, जबकि वर्ष 2013 में यह और घटकर 36.2 प्रतिशत हो गया. कक्षा पांच में भाग करनेवाले छात्र वर्ष 2012 में 24.2 प्रतिशत थे, जबकि वर्ष 2013 में यह 21.8 प्रतिशत रह गये. वर्ष 2010 में यह आंकड़ा 40.9 प्रतिशत था.
छात्र शिक्षक अनुपात सुधरा
असर की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात में थोड़ा सुधार हुआ है. वर्ष 2012 की तुलना में वर्ष 2013 में यह अनुपात 15.0 से बढ़कर 19.0 प्रतिशत हुआ. वर्ग कक्ष शिक्षक अनुपात भी बढ़ा है. वर्ष 2012 की तुलना में वर्ष 2013 में यह 76.9 प्रतिशत से बढ़कर 83.2 प्रतिशत दर्ज किया गया है.
शिक्षकों की स्थिति
प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति वर्ष 2012 में 58 प्रतिशत से बढ़कर 62.4 प्रतिशत हुई. शिक्षकों की औसत उपस्थिति वर्ष 2012 में 78.8 प्रतिशत थी जो वर्ष 2013 में बढ़कर 86.5 प्रतिशत हो गयी.
13.4 प्रतिशत स्कूलों में पुस्तकालय नहीं
सरकारी स्कूलों में खेल मैदान का प्रतिशत घटा है. लड़कियों के लिए शौचालय की सुविधा बढ़ी है. वर्ष 2012 में 32 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2013 में 36.4 प्रतिशत दर्ज किया गया. राज्य में अभी भी 13.4 प्रतिशत स्कूलों में पुस्तकालय की सुविधा नहीं है. रसोई घर की स्थिति में भी सुधार हुआ है. वर्ष 2012 में यह 77 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2013 में यह प्रतिशत 78.3 प्रतिशत था.