कैबिनेट ने 86.08 करोड़ रुपये की लागत से लोहरदगा में बाइपास रोड बनाने का फैसला किया. चट्टी-कूड़ू-टाटा चौक पथ व कैरो-नयाटोली से जिंगी मोड़ लिंक पथ आरइओ से लेकर पथ निर्माण विभाग में हस्तांतरित किया जायेगा. साथ ही इस सड़क को डबल लेन बना कर बाइपास रोड तैयार किया जायेगा. 36.57 किमी लंबी सड़क की चौड़ाई 3.75 मीटर से बढ़ा कर सात मीटर किया जायेगा. बाइपास रोड बनाने का काम 2018-19 तक पूरा कर लिया जायेगा. 2016-17 में 25 प्रतिशत, 2017-18 में 45 प्रतिशत और 2018-19 में 30 प्रतिशत काम पूरा किया जायेगा. कैबिनेट ने मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को क्रियाशील बनाने के उद्देश्य से कुल 36 पदों के सृजन की स्वीकृति दी. इसके निदेशक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होंगे. उप निदेशक प्रशासन राज्य सेवा के अधिकारी होंगे. मध्याह्न भोजन के लिये विद्यालय प्रबंधन समिति का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए निर्धारित किया गया है. इस समिति में कुल 16 सदस्य होंगे. समिति के 12 सदस्यों में छह महिलाएं होंगी. सभी 12 सदस्य विभिन्न समुदाय के छात्रों के अभिभावक होंगे. शेष चार सदस्यों में विद्यालय के शिक्षक व बाल संसद के अलावा स्थानीय स्तर पर निर्वाचित सदस्य होंगे. कैबिनेट ने केंद्रीयकृत किचेन के माध्यम से मध्याह्न भोजन की आपूर्ति करने के लिये एमओयू के प्रारूप की स्वीकृति दी. मंत्रिपरिषद ने राज्य विकास परिषद के उपाध्यक्ष की संख्या एक से बढ़ा कर दो करने का फैसला किया. इनमें से एक सदस्य आधारभूत संरचना के क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे, जबकि दूसरे उपाध्यक्ष सामाजिक क्षेत्र के होंगे. सरकार की सभी प्रकार के राजस्व प्राप्तियों के लिये इलेक्ट्रानिक गवरमेंट एकाउंटिंग सिस्टम (इ-ग्रास) लागू करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एमओयू करने का फैसला किया गया. इससे सभी प्रकार के राजस्व प्राप्ति को स्टेट बैंक के पेमेंट गेटवे से जमा किया जा सकेगा.
प्रोजेक्ट भवन कोषागार के कोषागार पदाधिकारी साइबर ट्रेजरी के प्रभार में रहेंगे. एसबीआइ के साथ शुरू की जानेवाली इस प्रक्रिया से राजस्व के आंकड़ों को सीधे महालेखाकार को भेजा जा सकेगा. जलछाजन के लिए नाबार्ड से स्वीकृत 330 करोड़ के कर्ज में से मोबलाइजेशन एडवांस के लिये 66 करोड़ रुपये लेने का फैसला किया गया. रांची में आपदा प्रबंधन की अापातकालीन सेवा के लिये राज्यस्तरीय केंद्र स्थापित करने का फैसला किया गया.
धनबाद, जमशेदपुर और देवघर में जिला स्तरीय केंद्र स्थापित किया जायेगा. कैबिनेट ने 30 आइटीआइ को श्रम नियोजन विभाग के माध्यम से चलाने का फैसला किया. राज्य में कुल 54 आइटीआइ है. इनमें से 17 का संचालन पीपीपी मोड पर किया जा रहा है. सात का सीएसआर के तहत संचालन किया जा रहा है. शेष 30 आइटीआइ सरकार खुद संचालित करेगी. कैबिनेट ने बिजली वितरण निगम को चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 200 करोड़ रुपये रिसोर्स गैप के रूप में देने का फैसला किया. यह राशि निगम को एकमुश्त दी जायेगी.