जबकि इस अवधि में वैध स्रोतों से उनकी कुल आय ही करीब 1.5 करोड़ रुपये थी. हरिनारायण ने अपने भाई नंदलाल राय, देव नारायण राय, संजय कुमार राय और पत्नी सुशीला देवी के नाम पर भी संपत्ति खरीदी. पूर्व मंत्री के भाई नंदलाल राय उस वक्त 4500 रुपये मासिक पर पारा टीचर के रूप में और देव नारायण राय 7500 रुपये मासिक पर पंचायत सेवक के रूप में काम करते थे. उनकी आमदनी और अर्जित संपत्ति में कोई ताल-मेल नहीं है.
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मंत्री बनने से पहले 1.70 लाख बाद में ढाई करोड़ के मालिक
रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राज्य के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय के खिलाफ 1.87 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग का पूरक आरोप पत्र दायर किया है. सीबीआइ सह प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिग एक्ट (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश बीके तिवारी की अदालत में तीसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया गया. इडी के वकील एसआर दास […]
रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राज्य के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय के खिलाफ 1.87 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग का पूरक आरोप पत्र दायर किया है. सीबीआइ सह प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिग एक्ट (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश बीके तिवारी की अदालत में तीसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया गया.
इडी के वकील एसआर दास के माध्यम से अदालत में दाखिल दस्तावेज में पूर्व मंत्री हरिनारायण राय पर नाजायज तरीके से कमाये गये पैसों को ह्वाइट करने के लिए विभिन्न प्रकार का हथकंडा अपनाने का आरोप लगाया गया है. इसमें कहा गया है कि हरिनारायण राय ने वर्ष 2005 में चुनाव जीतने के बाद 12 मार्च 2005 से 19 दिसंबर 2008 तक मंत्री के रूप में काम किया. चुनाव जीतने से पहले उनके पास सिर्फ 1.7 लाख रुपये का संपत्ति थी. मंत्री रहने की अवधि में उन्होंने पत्नी, भाइयों और अपने नाम पर संपत्ति खरीदी. मंत्री रहने की अवधि में उन्होंने अपने नाम पर करीब 2.5 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी.
पूर्व मंत्री की पत्नी सुशीला देवी ने अपने नाम अर्जित की जानेवाली संपत्ति के लिए लोगों से कर्ज लेने का बाद कही थी. पर संबंधित लोगों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें नकद राशि देकर चेक के माध्यम से वापस लिया गया था. पूर्व मंत्री ने अपनी नाजायज कमाई को सही करार देने के लिए बाबा बासुकी नाथ डेयरी स्थापित की थी. इसके अलावा महामाया कंस्ट्रक्शन और गौरी कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी बनायी थी. इन कंपनियों का सबसे अधिक शेयर पूर्व मंत्री की पत्नी सुशीला देवी के नाम पर था.
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