खुशखबरी: हाइटेक होगी रांची, 24 घंटे बिजली-पानी
स्मार्ट सिटी की सूची में रांची को शामिल कर लिया गया है़ स्मार्ट सिटी के लिए राज्य सरकार ने एचइसी से जमीन ली है. सरकार की ओर से ली गयी 641 एकड़ जमीन में से करीब 375 एकड़ भूमि पर स्मार्ट सिटी बनायी जायेगी. यह जमीन पुलिस मुख्यालय के सामने प्रोजेक्ट बिल्डिंग व एचइसी मुख्यालय के पीछे है. स्मार्ट सिटी जोन में आवास, कॉमर्शियल जोन में शॉपिंग मॉल, एजुकेशन जोन के तहत प्ले स्कूल, हाई स्कूल, कॉलेज व हेल्थ जोन में अस्पताल, 24 घंटे पानी-बिजली, चौड़ी सड़कें, सिवरेज-ड्रेनेज, ओपन स्पेस, पार्क व स्वीमिंग पूल की सुविधा होगी. यह जोन पूरी तरह से वाइफाइ युक्त होगा. आइटी की मदद से नागरिक सुविधाएं मिलेंगी. यहां धुआं उगलने वाले वाहनों का प्रवेश नहीं होगा.
Advertisement
दूसरा चरण . 13 नये शहरों का एलान रांची बनेगी स्मार्ट सिटी
नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को 13 और शहरों के नामों की घोषणा की, जिन्हें केंद्र के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित किया जायेगा. इस सूची में झारखंड से रांची, बिहार से भागलपुर और पश्चिम बंगाल से कोलकाता शहर का नया इलाका भी शामिल है. सूची में चुनावी राज्य उत्तर […]
नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को 13 और शहरों के नामों की घोषणा की, जिन्हें केंद्र के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित किया जायेगा. इस सूची में झारखंड से रांची, बिहार से भागलपुर और पश्चिम बंगाल से कोलकाता शहर का नया इलाका भी शामिल है. सूची में चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश का लखनऊ सबसे ऊपर है, उसके बाद तेलंगाना के वारंगल और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला का नाम है. ‘फास्ट ट्रैक कंपीटिशन’ में 23 शहरों ने भाग लिया था. हालांकि सिर्फ 13 शहर ही प्रतिस्पर्धा में सफल हो सके. ये शहर उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं, जिन्हें पहले चरण में प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका था. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस प्रतिस्पर्धा की घोषणा की.
कहा कि फास्ट ट्रैक कंपीटिशन में चुने गये 13 शहरों ने कुल 30 हजार 229 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया है. इसके साथ ही, 33 शहरों में स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्रस्तावित निवेश अब 80,789 करोड़ रुपये हो गया है. जनवरी में 20 शहरों की घोषणा की गयी थी.
नयी सूची की वजह : केंद्र ने पहली बार 20 शहरों की सूची जारी की थी, तब आरोप लगा था कि केवल उन राज्यों के शहरों को सूची में रखा जा रहा है, जहां भाजपा या एनडीए की सरकारें हैं. आरोप यह भी था कि यूपी, बिहार व प बंगाल के शहरों को छोड़ दिया गया है. इसके बाद, फास्ट ट्रैक प्रोसेस के जरिये 23 शहरों की सूची मांगी गयी. इसमें से 13 सिटी को सिलेक्ट किया गया. इस बार की सूची में हिमाचल, मणिपुर भी है, जहां कांग्रेस की सरकारें हैं.
ऐसे होता है चुनाव : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए शहरों का चुनाव दो फेज में होता है. पहले राज्य शहरों के नाम केंद्र सरकार को भेजते हैं. इसके बाद हर शहर फेसेलिटीज के आधार पर दूसरे शहर से मुकाबला करता है. इस साल के आखिर तक और 40 शहरों का चुनाव किया जायेगा. हर शहर को 500 करोड़ रुपये का बजट केंद्र सरकार देगी. इतनी ही राशि राज्य सरकारों को भी देना होगा. इस तरह से ऐसे शहरों का िवकास होगा.
इसकी जरूरत क्यों : अरबन डेवलपमेंट मिनिसट्री के अनुसार देश में अभी शहरी आबादी 31 फीसदी है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी सिर्फ 60 फीसदी से ज्यादा है. माना जा रहा है कि अगले 15 साल में शहरी आबादी की जीडीपी में हिस्सेदारी 75 फीसदी होगी. इस वजह से 100 स्मार्ट सिटी बनाने का इरादा सरकार का है.
स्मार्ट सिटी के तीन सिद्धांत
क्वालिटी ऑफ लाइफ : यानी यहां रहनेवाले हर व्यक्ति को क्वालिटी लाइफ मिले. मतलब किफायती घर हो, हर तरह की मूलभूत सुविधाएं हों. दिन-रात पानी-बिजली की सुविधा हो. अच्छे स्कूल-कॉलेज, अस्पताल हों.
निवेश : ह्यूमन व नेचुरल रिसोर्स के अनुसार पूरा निवेश भी आये. बड़ी कंपनियों को अपनी इंडस्ट्री लगाने की सुविधाएं मिले.
रोजगार : स्मार्ट सिटी में निवेश ऐसा हो कि वहां या आसपास रहनेवाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिले. यहां रहनेवालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े.
क्या है तय मानक
यातायात: एक से दूसरे स्थान पर जाने में अधिकतम 45 मिनट लगे. दो मीटर चौड़े फुटपाथ. 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस स्टॉप.
रिहाइश
400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क हों. 20% मकान कमजोर वर्ग के लिए हो.
बिजली- पानी
24 घंटे बिजली-पानी के साथ हर घर में बिजली. प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी िमले.
वाइफाइ
सौ प्रतिशत घरों तक वाइफाइ कनेक्टिविटी. 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाइफाइ.
हेल्थ: इमरजेंसी सेवा 30 मिनट में. 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी. एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला अस्पताल व 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल.
शिक्षा: 15% क्षेत्र शिक्षण क्षेत्र के लिए हों. 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, 5000 पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकेंडरी, प्रत्येक एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो.
ये हैं 13 नये शहर
राज्य शहर
झारखंड रांची
बिहार भागलपुर
यूपी लखनऊ
बंगाल कोलकाता नया इलाका
छत्तीसगढ़ रायपुर
हरियाणा फरीदाबाद
हिमाचल धर्मशाला
तेलंगाना वारंगल
गोआ पणजी
त्रिपुरा अगरतला
मणिपुर इंफाल
यूटी चंडीगढ़
अंडमान पोर्ट ब्लेयर
एचइसी इलाके में 375 एकड़ में बसेगी स्मार्ट सिटी
रांची के एचइसी इलाके में 375 एकड़ ग्रीनफील्ड एरिया में स्मार्ट सिटी का निर्माण किया जायेगा. इसके साथ-साथ रांची शहर के विकास का भी प्रस्ताव है, जिसे पैन सिटी प्रपोजल कहा गया है. पैन सिटी में पांच सड़कों का चौड़ीकरण होगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुरुस्त किये जायेंगे.
1500 करोड़ होंगे खर्च
रांची स्मार्ट सिटी की परियोजना पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वर्ष 2016 से आरंभ होकर 2020 तक स्मार्ट सिटी का निर्माण किया जाना है. पहले वर्ष भारत सरकार 300 करोड़ रुपये और राज्य सरकार 300 करोड़ रुपये देगी. 600 करोड़ के फंड से रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड नामक कंपनी गठित की जायेगी. यही कंपनी स्मार्ट सिटी का निर्माण करेगी. करीब 315 करोड़ वर्ल्ड बैंक से लिये जायेंगे. शेष 585 करोड़ केंद्र व राज्य सरकार मिल कर वहन करेंगे.
सीएम ने आभार जताया : सीएम रघुवर दास ने प्रधानमंत्री मोदी व शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के प्रति अाभार जताया है. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने भी अाभार जताते हुए कहा कि इसे सरकार चुनौती के रूप में लेगी व स्मार्ट सिटी का निर्माण शीघ्र आरंभ करेगी.
स्मार्ट सिटी में क्या-क्या सुविधाएं होंगी
हाइ स्पीड इंटरनेट की सुविधा
पाइप लाइन से गैस
24 घंटे बिजली व पानी की सुविधा मिलेगी
घरों में स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे
घरों व कार्यालय में इंटरनेट की सुविधा होगी
चौड़ी सड़कें, पार्क, कन्वेंशन सेंटर की सुविधा
अरब ट्विन टावर का होगा निर्माण, सरकारी व निजी कंपनियों के कार्यालय होंगे
स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम होगा
हेल्थ सर्विस डोर स्टेप पर होगा
झारखंड अरबन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट खुलेगा
375 एकड़ में क्या-क्या बनना है
स्किल डेवलपमेंट पार्क 6.9 एकड़ में
स्टूडेंट रिसोर्स सेंटर एक एकड़ में
टेक्निकल कॉलेज 14.6 एकड़ में
जंपी 7.5 एकड़ में
यूनिवर्सिटी कैंपस 51 एकड़ में
अन्य संस्थान 16.3 एकड़ में
गरीबों के लिए आवास 6.3 एकड़ में
मध्य वर्ग के लिए आवास 26.5 एकड़ में
उच्च वर्ग के लिए आवास 6.6 एकड़ में
हाॅस्टल 9.3 एकड़ में बनेंगे
कन्वेंशन सेंटर बनेगा 10 एकड़ में
होटल पांच एकड़ में
काॅमर्शियल सेंटर 2.9 एकड़ में
मॉल 5.8 एकड़ में
वेंडिंग जोन तीन एकड़ में
सरकारी कार्यालय 10.3 एकड़ में
पब्लिक सुविधा केंद्र 3.7 एकड़ में
सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 2.3 एकड़ में
सब स्टेशन 2.8 एकड़ में
मिक्स लैंड यूज 28.5 एकड़
ट्रांजिट हब 8.5 एकड़
ट्रांसपोर्ट व सर्कुलेशन के लिए 90.90 एकड़
ओपेन स्पेस व पार्क 65.46 एकड़ में
क्या-क्या फीचर्स होंगे स्मार्ट जोन में
वाटर सप्लाई: ड्यूअल वाटर पाइपलाइन के माध्यम से यहां जलापूर्ति की जायेगी. इसमें रिसाइकल किये गये हुए पानी को भी यूज किया जायेगा. इसके अलावा आइओटी टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी पानी की आपूर्ति की जायेगी. अगर कहीं पाइपलाइन में खराबी पायी गयी, तो यह अलर्ट जारी करेगा. इसके अलावा सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाये जायेंगे.
सिवरेज व सैनिटेशन सिस्टम: सात एमएलडी की क्षमता वाले सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जायेगा. इसमें गंदगी को डिस्पोजल किया जायेगा. मोबाइल एप के माध्यम से यहां किसी भी प्रकार के कार्यक्रम होने पर बायो टॉयलेट उपलब्ध कराये जायेंगे.
स्मार्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट: पूरे क्षेत्र में एकत्र होने वाले कूड़े को रिसाइकल किया जायेगा. कूड़ा उठाने वाले हर ठेले को जीपीएस से जोड़ा जायेगा. इसके अलावा हर डस्टबीन में सेंसर लगा होगा, जिससे कूड़े का उठाव नहीं होने पर पता चल जायेगा कि आज कूड़े का उठाव नहीं हुआ है.
ड्रेनेज सिस्टम: पूरे क्षेत्र में पानी को एकत्र करने के लिए दो तालाब का निर्माण किया जायेगा. दोनों तालाब में पानी अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम से पहुंचेगा. ये तालाब आइओटी टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए रहेंगे. अगर एक तालाब में पानी का स्तर बढ़ा, तो सेंसर बतायेगा कि तालाब का पानी ओवरफ्लो करनेवाला है. फिर उस पानी को दूसरे तालाब में शिफ्ट किया जायेगा.
इलेक्ट्रिसिटी : इस जाेन की सारी लाइटें सौर ऊर्जा से जलेंगी. बिजली का सारा काम यहां अंडरग्राउंड केबलिंग के माध्यम से किया जायेगा. हर घर में स्मार्ट मीटर लगाया जायेगा. सभी स्ट्रीट लाइट भी सौर ऊर्जा से जलेगी.
ट्रांसपोर्ट एंड सर्कुलेशन : ट्रैफिक कंट्रोल एंड मैनेजमेंट सेंटर का निर्माण किया जायेगा. इससे इस एरिया के वाहनों के मूवमेंट का पता चलेगा. सड़काें पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से वाहन संचालित होंगे. पूरे परिसर में पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम से वाहन पार्क होंगे. मामूली रेंट पर अंदर घूमने के लिए बाइक दी जायेगी.
आइटी नेटवर्क व कनेक्टिविटी : पूरे स्मार्ट जोन में आॅप्टिक फाइबर बिछाये जायेंगे. इसके अलावा जगह-जगह वाइफाइ हॉट स्पॉट की सुविधा होगी, जहां से लोग वाइफाइ का मजा उठा सकेंगे. इसके अलावा यहां एक सेंट्रल कंट्रोल रूम का निर्माण किया जायेगा. यहां से पूरे क्षेत्र पर आइटी सिस्टम के माध्यम से निगरानी रखी जायेगी.
राजधानी की सड़कों पर 350 सिटी बस चलाने की तैयारी
एचइसी की 375 एकड़ जमीन को स्मार्ट सिटी जोन के रूप में डेवलप करने के अलावा शहर के ट्रैफिक सिस्टम को भी दुरुस्त किया जायेगा. नगर निगम ने पैन सिटी सॉल्यूशन के तहत शहर के ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने का खाका तैयार किया है. इसके तहत शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को इस तरह बनाया जायेगा कि लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर ही निर्भर हो जायें. इसके लिए राजधानी में 350 से अधिक सिटी बस चलायी जायेगी. बसों व अन्य वाहनों का परिचालन बेहतर हो, इसके लिए सड़कों पर कॉरिडोर बनाया जायेगा. बसें निर्धारित समय पर चल रही हैं कि नहीं, इसके लिए एसपीवी का गठन किया जायेगा. यहां कंट्रोल रूम की स्थापना की जायेगी. इसके अलावा शहर में सड़कों पर हो रही अनधिकृत पार्किंग को लेकर पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम को पूरे शहर में लागू किया जायेगा, जिससे पार्किंग स्थलों को छोड़ कर अन्य जगह पर वाहन को पार्क न किया जा सके.
शहर को स्मार्ट बनाना हम सब के लिए चुनौती सीपी सिंह
केंद्र सरकार ने राजधानी रांची का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में किया है.अब इसे स्मार्ट बनाना हम सबों के लिए चुनाैती है़ इस चुनौती को हम अवसर के रूप में लेेते हैं. उक्त बातें मंगलवार को नगर विकास मंत्री सीपी ने रांची को स्मार्ट सिटी का दरजा दिये जाने के बाद निगम सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही. श्री सिंह ने कहा कि इसके लिए हम केंद्र सरकार व रांची की जनता के आभारी हैं. जनता के सुझावों के आधार पर ही हमने स्मार्ट सिटी का प्रपोजल तैयार किया था, जिसे केंद्र ने मंजूरी दे दी. कार्यक्रम में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, सूडा निदेशक राजेश शर्मा, नगर आयुक्त प्रशांत कुमार आदि उपस्थित थे.
सबों से राय लेकर भेजा गया था प्रस्ताव : मेयर आशा लकड़ा व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि स्मार्ट सिटी कैसा हो, इसको लेकर पूरे शहर के लोगों से राय ली गयी थी. लोगों से मिले फीडबैक का समावेश करते हुए स्मार्ट सिटी के इस प्रपोजल काे तैयार किया गया था. अब इसे धरातल पर उतारने का समय आ गया है.
पूरे शहर को बनायेंगे स्मार्ट : नगर आयुक्त
नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि एचइसी की 375 एकड़ जमीन को स्मार्ट जोन के रूप में डेवलप करने के अलावा हमारी योजना शहर को भी स्मार्ट बनाने की है. इसके तहत पैन सिटी सॉल्यूशन प्लान के तहत हम पूरे शहर को स्मार्ट बनायेंगे. इस प्लान के तहत हमने शहर के ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को दुरुस्त करने का प्रयास किया है. इसके तहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त किया जायेगा. अधिक से अधिक लोग ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ें, ताकि निजी वाहनों पर लोग आश्रित न रहें. इससे सड़कों पर ट्रैफिक लोड कम होगा. इसका फायदा शहर के लोगों को आने वाले दो साल में दिखने लगेगा.
कार्बन फ्री होगा स्मार्ट सिटी का स्मार्ट जोन
नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि पहले राउंड में देश के 20 शहरों का चयन किया गया था, परंतु रांची उसमें पिछड़ गयी थी. उसके बाद हमने कंसल्टेंट के सहयोग से दोबारा प्रस्ताव केंद्र को भेजा, जिसे केंद्र ने मंजूरी दे दी.अब एचइसी की 375 एकड़ जमीन को स्मार्ट जोन के रूप में डेवलप करना है. इस जोन को डेवलप करने में सरकार 1500 कराेड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया जायेगा. 15 दिनाें में इस कॉरपोरेशन को सरकार से मंजूरी मिल जायेगी. स्मार्ट जोन के नाम पर यहां सब कुछ स्मार्ट होगा. 375 एकड़ के इस क्षेत्र में 150 एकड़ में नॉलेज हब बनाया जायेगा. 17 प्रतिशत जमीन को ग्रीन एरिया के रूप में डेवलप किया जायेगा. यह एरिया पूरी तरह से कार्बन फ्री होगा. यहां किसी तरह के वाहनों का परिचालन नहीं होगा. केवल बैटरी व सौर ऊर्जा से संचालित वाहन ही यहां चलेंगे.
स्मार्ट सिटी के लिए सभी 24 प्वाइंट को पूरा किया जायेगा
अरुण कुमार सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी में झारखंड अरबन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की स्थापना की जायेगी. साथ ही एक अरबन ट्विन टावर का निर्माण किया जायेगा. इसमें सरकारी व निजी कंपनियों के दफ्तर होंगे. एक माह में इसका डीपीआर तैयार हो जायेगा. एक कन्वेंशन हॉल का निर्माण भी किया जायेगा. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के साथ-साथ पूरी रांची को स्मार्ट बनाने की परिकल्पना है. स्मार्ट सिटी के सभी 24 प्वाइंट को पूरा किया जायेगा. फ्लाई ओवर और पांच रोड भी बनाये जायेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement