इनलैंड पावर 25 से 30 हजार टन ही कोयले का उठाव कर रहा है. जबकि सिकनी की क्षमता 80 हजार टन की है. कई कंपनियों ने पूर्व में कोयला उठाव के लिए बात की, फिर बाद में कोयला नहीं लिया. यही वजह है कि अब जेेएसएमडीसी केवल उन्हीं कंपनियों को कोयला देगा जिनके साथ एफएसए हो चुका है.
निगम द्वारा एफएसए करनेवाली कंपनियों को बेस प्राइस में भी छूट देने पर विचार किया जा रहा है. ताकि सीसीएल के रेट के समानांतर ही जेएसएमडीसी का रेट हो सके. निगम के अधिकारियों ने बताया कि सिकनी का कोयले का 50 फीसदी हिस्सा इंड यूजर तक दिया जायेगा. साथ ही 50 फीसदी ओपन अॉक्शन करा कर दिया जायेगा. अॉक्शन में जो भी कंपनियां ज्यादा रेट पर कोयला लेगी उन्हें कोयले की आपूर्ति की जायेगी.