प्राचार्य ने कमेटी को बताया कि हमारे यहां एक परीक्षार्थी नकल करते पकड़ा गया था. हमने उसे परीक्षा से निष्कासित कर दिया था. प्रश्नपत्र सहित अन्य कागजात को सील कर एजेंसी के लोगों को सौंप दिया गया था. प्राचार्य से पूछताछ के बाद लगभग दो घंटे तक कोई भी प्रतियोगी या इस घटना से संबंधित कोई गवाह नहीं आया था. दो घंटे के बाद झारखंड विद्युत तकनीकी श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय वहां पहुंचे. उनसे कमेटी के सदस्यों ने पूछा कि आपके पास क्या गवाही है? इस पर अजय राय ने अपने पास मौजूद सबूत दिखाये. कमेटी ने उनकी शिकायतों को नोट कर लिया.
इसके बाद आइटीआइ उम्मीदवार पूछताछ के लिए आने लगे. जिनके पास एडमिट कार्ड था, उनसे विस्तार से जानकारी ली गयी. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र के अंदर प्रश्नपत्र का लिफाफा खुला हुआ था, जबकि किसी भी परीक्षा में यह लिफाफा विद्यार्थियों की उपस्थिति में खुलता है. यह शिकायत मारवाड़ी कॉलेज केंद्र का था. वहीं गोस्सनर कॉलेज केंद्र के प्रतियोगियों की शिकायत थी कि उनके यहां आधे घंटे बाद अौर मोबाइल लेकर आये प्रतियोगी को परीक्षा में प्रवेश करने दिया गया, जो गलत है. सुनवाई में कई प्रतियोगी बिना एडमिट कार्ड के आये थे. उन सभी को सादे कागज पर अपनी शिकायत दर्ज कराने को कहा गया.
24 तक यह जन सुनवाई होगी. जिसके बाद सभी शिकायतों पर विचार कर फैसला लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि जून के प्रथम सप्ताह तक यह फैसला आ जायेगा . उन्होंने कहा कि अभी शुरुआती दौर है, इसलिए अभी कुछ कहना मुश्किल है.