17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नदी में डाल दिया 1.4 लाख लीटर पानी!

इन दिनों रांची में चहुंओर पानी की किल्लत है. पानी को लेकर आये दिन लोगों के बीच तू-तू-मैं-मैं हो रही है, दूसरी तरफ हटिया रेलवे काॅलोनी में आपूर्ति के लिए खड़गपुर से रेलवे टैंकर से भेजे गये पानी को रेलवे के अधिकारियों ने यूं ही स्वर्णरेखा नदी में बहा दिया. रांची: खबर है कि रेलवे […]

इन दिनों रांची में चहुंओर पानी की किल्लत है. पानी को लेकर आये दिन लोगों के बीच तू-तू-मैं-मैं हो रही है, दूसरी तरफ हटिया रेलवे काॅलोनी में आपूर्ति के लिए खड़गपुर से रेलवे टैंकर से भेजे गये पानी को रेलवे के अधिकारियों ने यूं ही स्वर्णरेखा नदी में बहा दिया.

रांची: खबर है कि रेलवे ने खड़गपुर से पीने के लिए मंगाये गये दो टैंकर पानी (लगभग 1.4 लाख लीटर) को स्वर्ण रेखा नदी, हटिया में बहा दिया़ हालांकि रेलवे का कहना है कि एक टैंकर पानी संप में डाला गया है, जहां से उसे वाशिंग लाइन के लिए भेजा जायेगा. दूसरा टैंकर यार्ड में लगा है.
सूत्राें ने बताया कि पानी की समस्या को देखते हुए हटिया स्टेशन के रेलकर्मियों के लिए खड़गपुर से दो टैंकर पानी भेजा गया. पर पानी सप्लाई को लेकर कोई उचित प्रबंध नहीं रहने के कारण पानी को स्वर्ण रेखा नदी (हटिया) में डाल दिया गया़ टैंकर के साथ आये गार्ड ने बताया कि ट्रेनों की सफाई व कपड़े धोने के लिए यह पानी खड़गपुर से आया था, इसलिए टैंकर को खाली किया जा रहा है. गार्ड आरएस प्रसाद से जब यह पूछा गया कि यह पानी तो रेलवे कॉलोनी में आपूर्ति करने के लिए आया था़, कपड़े धोने के लिए तो प्राइवेट ठेकेदार को काम दिया गया है़, उन्होंने कहा : हमें नहीं पता, हमसे मत पूछिये़ .
यहां यह बता दें कि हटिया राउरकेला इंड स्थित स्वर्ण रेखा नदी में हटिया रेलवे का अपना पंप हाउस भी है़ तर्क यह भी दिया जा रहा है कि यहां पानी गिरा कर उसे फिल्टर कर वापस काम में लाया जायेगा. पर यह पूछने पर कि पंप हाउस में पानी गिराने के लिए खड़गपुर से साफ पानी क्यों मंगाया गया़, इस वहां मौजूद सभी रेलकर्मी चुप हाे गये़ उन्होंने कहा : साहब से जाकर पूछिये़ हमलोगों को जो आदेश मिला है, हम वही कर रहे हैं. एक रेलकर्मी ने कहा : ज्यादा दिन पानी टैंकर में रहेगा, तो खराब हो जायेगा़
जानकारी के मुताबिक स्वर्णरेखा पुल के ऊपर एक डीजल इंजन दो टैंकर और एक गार्ड ब्रेक के साथ रविवार की सुबह लगभग 8: 35 बजे पहुंचा़ इसके बाद पुल के ऊपर से पाइप के सहारे टैंकर का पानी नदी में डाला गया. लगभग एक घंटे के अंदर दोनों टैंकर खाली कर इंजन वापस हटिया यार्ड लौट गया़ .
लातूर से सबक लेने की जरूरत : लातूर में पानी की कमी को देखते हुए रेल मंत्रालय ने पानी का टैंकर (ट्रेन वाला टैंकर) भिजवाया़
इसे बहुत जतन से काबिल अफसरों की देखरेख में टैंकर से पानी को निकाल कर एक जगह इकट्ठा रखा गया, जहां से लातूर के गांवों में रहनेवाले लोगों को पानी भेजा गया.
रांची रेल मंडल में भी पानी संकट
ट्रेनों की साफ-सफाई और यात्री ट्रेनों में पानी गंभीर समस्या बनी हुई है. रेलवे स्टेशन स्थित शौचालयों में भी पानी की कमी के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है. हटिया स्थित ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट भी पानी के अभाव में बंद पड़ा है. ट्रेनों की सफाई हाथ से पोछा लगा कर की जा रही है. हटिया रेलवे कॉलोनी में रहनेवाले रेलकर्मी पानी के लिए चापानल का सहारा लिये हुए हैं. हर जगह पानी की समस्या है.
पानी को बहाया नहीं नदी में उतारा गया
खड़गपुर से तीन दिन पहले आये दो टैंकर पानी को नदी में बहाया नहीं गया है. एक टैंकर (70 हजार लीटर) पानी को स्वर्ण रेखा नदी में छोड़ा गया है, जहां रेलवे का संप बना हुआ है. यह पानी उसी में जमा हुआ है. यहीं से पानी को वाशिंग लाइन भेजा जायेगा, ताकि इसका उपयोग ट्रेनों के धोने आदि में किया जा सके़ दूसरा टैंकर (जिसमें पानी भरा है) यार्ड में रखा हुआ है. इसका भी उपयोग वाशिंग लाइन के लिए किया जायेगा. रांची में पानी की किल्लत व जरूरत को देखते हुए इसे प्रयोग के तौर पर मंगाया गया था, ताकि जरूरत पड़ने पर टैंकर से पानी मंगा कर रेलवे अपनी जरूरत व कर्मियों की जरूरत को पूरा कर सके.
नीरज कुमार, मंडल के वरीय वाणिज्यिक प्रबंधक सह जनसंपर्क अधिकारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें