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बंद का मिला-जुला असर
झारखंड सरकार द्वारा स्थानीयता को पारिभाषित करने के विरोध में शनिवार को बंद रहा. विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्य बंद कराने सड़क पर निकले. छोटे जगहों पर बंद का असर थोड़ा कम देखा गया. कांके : स्थानीयता की परिभाषा के विरोध में झामुमो द्वारा आहूत झारखंड बंद का व्यापक असर रहा. कांके में प्रखंड अध्यक्ष […]
झारखंड सरकार द्वारा स्थानीयता को पारिभाषित करने के विरोध में शनिवार को बंद रहा. विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्य बंद कराने सड़क पर निकले. छोटे जगहों पर बंद का असर थोड़ा कम देखा गया.
कांके : स्थानीयता की परिभाषा के विरोध में झामुमो द्वारा आहूत झारखंड बंद का व्यापक असर रहा. कांके में प्रखंड अध्यक्ष अभिषेक राज हेरेंज व केंद्रीय नेता समनूर मंसूरी, मुस्ताक आलम के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकिल से घूम-घूम कर कांके न्यू मार्केट, ब्लॉक चौक, बीएयू गेट, हाजी चौक की दुकानों को बंद कराया. साथ ही बीएयू में खुले सभी विभागों को भी बंद कराया.
कार्यकर्ताओं ने बाजार टांड़, चूड़ी टोला में स्थित दुकानों को भी बंद कराया. क्षेत्र में वाहन नहीं चले, जिसके कारण मानसिक अस्पतालों में इलाज कराने आनेवाले मरीजों व उनके अभिभावकोें को काफी परेशानी हुई. कांके लक्ष्मण चौक में ग्रामीण डीएसपी मुकेश कुुमार, थाना प्रभारी मधुसूदन प्रसाद सिंह, बीडीओ गौतम प्रसाद साहू व पुलिस बल की मौजूदगी में बंद समर्थकों ने बंद कराया. दोपहर 12 बजे बंद समर्थकों को कांके थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया और शाम 4 बजे रिहा कर दिया. इनमें पंकज सिंह, कुरबान खान, अजीजुल अंसारी, सोनू मुंडा, ललिंद्र महतो, मुख्तार मंसूरी, मो असलम सागर मुंडा, मिन्हाज अली व अन्य कार्यकर्ता शामिल थे.
वहीं बीआइटी चौक में प्रखंड उपाध्यक्ष जावेद अख्तर अंसारी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने दुकानों को बंद करवा कर एनएच 33 रोड जाम कर दिया. सड़क जाम देख कर बीआइटी ओपी पुलिस ने 28 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया और शाम चार बजे रिहा किया. गिरफ्तार होनेवालों में झब्बू लाल महतो, हरिपाल महतो, महमूद अंसारी, सोमनाथ मुंडा, शिकारी महतो सहित अन्य शामिल थे.
पिस्कानगड़ी : बंद का नगड़ी प्रखंड क्षेत्र में व्यापक असर रहा. बंद स्वत: व शांतिपूर्ण रहा. बंद को पार्टी के साथ ही आम लोगों ने भी भरपूर समर्थन रहा. सुबह से ही दुकानें व बाजार बंद रहे. वाहन नहीं चले, जिससे ट्रेन से आनेवाले यात्रियों को विशेष रूप से परेशानी हुई.
लोगों को पैदल ही कई किलोमीटर की यात्रा करना पड़ा. बंद के दौरान नगड़ी के सरकारी और गैरसरकारी प्रतिष्ठान भी बंद रहे. मौके पर झामुमो व सीपीआइएम के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल कर सरकार विरोधी नारे लगाये. कार्यकर्ता 1932 की खतियान को लागू करने और मूलवासियों को उनका हक देने की मांग कर रहे थे. बाद में कार्यकर्ताओं को पुलिस गिरफ्तार कर थाना ले गयी और कुछ देर बाद सभी को छोड़ दिया गया.
झामुमो के जुलूस का नेतृत्व जियारत हुसैन अंसारी ने किया. इस अवसर पर झामुमो के दानियल एक्का, बांदे उरांव, बिनोद महली, सुरेश महतो, राजेंद्र महतो, छोटू अंसारी, घनश्याम महतो, लखन उरांव,,बिष्णु महली, आफताब अंसारी, छोटू अंसारी, करमा उरांव, महमूद आलम, धुचू तिर्की, तसलीम अंसारी, शाहजहां मंसूरी, जहानूल अंसारी, हुसना भगत मौजूद थे. सीपीआइएम का नेतृत्व पार्टी के राज्य सचिव सुभाष मुंडा ने किया. मौके पर पनुआ गोड़ाइत, कपिल महतो, अशोक मुंडा, अमित मुंडा सहित कई कार्यकर्ता
उपस्थित थे.
पिठोरिया : झारखंड सरकार के स्थानीय नीति के खिलाफ शनिवार को क्षेत्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फ्रांसिस लिंडा, सचिव लाला महली केे संयुक्त नेतृत्व में अपने दर्जनों समर्थकों के साथ पिठोरिया चौक में रांची-पतरातू, पिठोरिया-विकास मार्ग को बांस-बल्ली के सहारे जाम कर दिया. इस बीच बंद समर्थक सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी कर रहे थे. समर्थक स्थानीय नीति 1932 के खतियान के आधार पर लागू करने कि मांग कर रहे थे. थाना प्रभारी जगन्नाथ उरांव बंद समर्थकों को गिरफ्तार कर थाना ले गये.
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