गढ़वा में तो बिहार के लोग नदी पार कर शराब पीने आ रहे हैं. उत्पाद विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सीमावर्ती जिले गिरिडीह, चतरा व देवघर में पिछले वर्ष की तुलना में शराब की खपत बढ़ी है. गिरिडीह में अप्रैल 2015 के मुकाबले 2016 में 20 हजार लीटर की खपत बढ़ी है. चतरा में चार हजार और देवघर में पांच हजार लीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है. वहीं, विभागीय सूत्रों के अनुसार, सीमावर्ती जिलों के अलावा शेष जिलों में विदेशी शराब की खपत में पांच हजार लीटर व देसी शराब की खपत में दो लाख लीटर की कमी हुई है.
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बिहार में पूर्ण शराबबंदी: झारखंड के सीमावर्ती जिलों में शराब की खपत बढ़ी
रांची: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हाेने से झारखंड के सीमावर्ती जिलों में शराब की खपत बढ़ गयी है. अवैध शराब के कारोबार में भी चार गुना वृद्धि हुई है. सीमावर्ती जिलों के होटलों में भीड़ बढ़ गयी है. लाइन होटल के मालिक इन शराबियों से मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. कोडरमा में आधी शराब […]
रांची: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हाेने से झारखंड के सीमावर्ती जिलों में शराब की खपत बढ़ गयी है. अवैध शराब के कारोबार में भी चार गुना वृद्धि हुई है. सीमावर्ती जिलों के होटलों में भीड़ बढ़ गयी है. लाइन होटल के मालिक इन शराबियों से मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. कोडरमा में आधी शराब दुकानों के ठेके बिहार के ही व्यापारियों ने ले लिया है.
इधर, सीमावर्ती जिलों में अवैध शराब की बिक्री भी बढ़ी है. मार्च 2016 में बिहार से सटे राज्य के 10 सीमावर्ती जिलों में अवैध शराब की बिक्री के जुड़े कुल 60 मामले दर्ज किये गये थे. अप्रैल में इन जिलों में शराब के अवैध कारोबार से जुड़े 221 मामले दर्ज किये गये हैं. इन जिलों में मार्च माह में अवैध शराब के कारोबार से जुड़े छह लोगों को और अप्रैल में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
कोडरमा : 50 प्रतिशत शराब दुकानें बिहारियों के पास
कोडरमा से शराब की तस्करी का धंधा शुरू हो गया है. रोजाना हजारों रुपये की शराब विभिन्न यात्री वाहनों व ट्रेनों से बिहार भेजी जा रही है. जिले में वर्तमान में 46 शराब दुकानों की बंदोबस्ती है. इन दुकानों की बंदोबस्ती से उत्पाद विभाग को कुल 80 लाख रुपये का राजस्व मिला़ वर्तमान में 50 प्रतिशत शराब दुकानों की बंदोबस्ती बिहार के लोगों व सिंडिकेट के हाथ में है.
बिहार में वर्षों से शराब के धंधे में लिप्त रहे लोग अब कोडरमा में शराब दुकानों की ठेकेदारी चला रहे हैं. जिले के सीमावर्ती क्षेत्र मेघातरी, गझंडी जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर शराब दुकानों में आजकल ज्यादा भीड़ दिखती है़ मेघातरी (रांची-पटना रोड पर स्थित है) से बिहार के नवादा व रजौली का क्षेत्र कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में शराब के शौकीन लोग दोपहिया व चारपहिया वाहन से कोडरमा क्षेत्र में आते हैं और होटलों में शराब पीकर वापस चले जाते हैं. उत्पाद विभाग के पदाधिकारी की मानें, तो मेघातरी स्थित शराब दुकान में पहले से करीब 10 प्रतिशत शराब की मांग ज्यादा हुई है. दूसरी तरफ जिले में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए उत्पाद विभाग व प्रशासन की टीम लगातार छापामारी अभियान चला रही है.
बरती जा रही है सख्ती : उत्पाद अधीक्षक
उत्पाद अधीक्षक रामलीला रवानी ने बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब तस्करी की सूचना तो मिल रही है, पर इस तरह का कोई मामला पकड़ में नहीं आया है. हां, मेघातरी दुकान में 10 प्रतिशत शराब की मांग बढ़ी है. तस्करी रोकने के लिए चेक पोस्ट पर एक दारोगा व दो सिपाही को तैनात कर औचक जांच करायी जा रही है.
चौपारण : लाइन होटलों में लगती है शराबियों की भीड़
शाम होते ही यहां के लाइन होटलों में शराबियों की भीड़ लगती है. होटल मालिक भी मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. प्रखंड में दर्जनों अवैध देसी महुआ शराब की भट्ठियां खुल गयी हैं. यहां से अवैध शराब चोरी-छिपे जंगल के रास्ते बिहार भेजी जा रही है. दैहर,चोरदाहा, यवनपुर, चौपारण, करमा, पड़रिया, बसरिया, रामपुर व बेला पंचायत के विभिन्न गांवों में भी अवैध रूप से देसी शराब बनाने का धंधा चल रहा है.
गढ़वा : नदी पार कर रोहतास से शराब पीने आ रहे लोग
गढ़वा जिले में शराब की खपत बढ़ गयी है. गढ़वा जिले को बिहार के रोहतास जिले से सोन नदी अलग करती है. बिहार के लोग नदी पार कर यहां शराब पीने पहुंच रहे हैं. गढ़वा का कांडी, खरौंधी व केतार प्रखंड बिहार से सटा हुआ है. यहां प्रतिदिन बिहार से लोग शराब पीने आ रहे हैं. इन क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक शराब के नये अवैध अड्डे शुरू हो गये हैं. दोपहर में भी भीड़ लगती है.
सीमा के 3.2 किमी के दायरे में शराब दुकान पर पाबंदी
रांची. ब्रिटिश हुकूमत के समय ही बने उत्पाद कानून में राज्य की सीमा के 3.2 किलोमीटर के दायरे में शराब दुकान खोलने पर पाबंदी है. इसी कानून को एकीकृत बिहार में अंगीकृत किया गया था. झारखंड में भी यही कानून अंगीकृत किया गया है. कानून में निहित प्रावधान के तहत राज्य की सीमा में 3.2 किलोमीटर के दायरे में शराब दुकान की बंदोबस्ती नहीं की जाती है. राज्य में इस नियम के अपवाद में पलामू जिले के हरिहरगंज में सिर्फ एक एेसी शराब की दुकान है. यह ब्रिटिश काल से ही अपवाद के रूप में चल रहा है.
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