रिपोर्ट के मुताबिक 1.80 करोड़ रुपये का भुगतान नोकिया सीमेन कंपनी को किया गया. इस कंपनी ने टेट्रा सिस्टम के टावर आदि की आपूर्ति की थी और इंस्टॉल किया था. इसके एवज में कंपनी को 1.60 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. इसी कंपनी को एनुअल मेंटेनेंस के मद में 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जबकि जमशेदपुर में टेट्रा सिस्टम को कभी चालू ही नहीं किया गया. पुलिस मुख्यालय ने करीब 46 लाख रुपये का भुगतान बिजली बोर्ड को किया.
वर्ष 2010 में पुलिस मुख्यालय ने रांची और जमशेदपुर शहर की पुलिस गतिविधि को सामान्य वीएचएफ वायरलेस के बदले टेट्रा सिस्टम पर चलाने का फैसला लिया था. दोनों जिलों के लिए 12 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गयी. रांची में टेट्रा सिस्टम को शुरू किया गया, लेकिन जमशेदपुर में सिस्टम को इंस्टॉल करने और टावर लगाने के बाद काम बंद कर दिया गया. अडिनो नामक कंपनी ने रांची और जमशेदपुर पुलिस के लिए वायरलेस सेट की आपूर्ति की थी. जमशेदपुर में जो वायरलेस सेट इस्तेमाल नहीं किया जा सका, उसका इस्तेमाल रांची में किया गया. इस कारण नुकसान कम हुआ. जमशेदपुर में टेट्रा सिस्टम को शुरू करने के लिए दलमा पहाड़ पर टावर लगाया गया, लेकिन वहां पर बिजली नहीं थी. दो-तीन साल तक किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया. बाद में बिजली पहुंचाने के लिए बिजली बोर्ड को 46 लाख रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली. इसके बाद अधिकारियों ने जमशेदपुर टेट्रा पर ध्यान ही नहीं दिया. जो सामान खरीदे गये थे, उनमें धीरे-धीरे जंग लग गये़ कई सामान काम के लायक नहीं बचे.