24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रतिमाह बेचा जा रहा तीन करोड़ का अवैध कोयला

रामगढ़ जिले में अवैध कोयले का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. जानकारों के अनुसार, प्रतिमाह करीब तीन करोड़ के 4680 टन कोयला अवैध रूप से बाजार में बेचे जा रहे हैं. इस अवैध कारोबार में सबका हिस्सा तय है. सारा खेल पुलिस के सामने हो रहा है, पर कोई कार्रवाई नहीं हे रही. इस […]

रामगढ़ जिले में अवैध कोयले का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. जानकारों के अनुसार, प्रतिमाह करीब तीन करोड़ के 4680 टन कोयला अवैध रूप से बाजार में बेचे जा रहे हैं. इस अवैध कारोबार में सबका हिस्सा तय है. सारा खेल पुलिस के सामने हो रहा है, पर कोई कार्रवाई नहीं हे रही. इस धंधे से जुड़े मजदूर महज कुछ पैसों के लिए अपनी जान दावं पर लगा रहे हैं. आये दिन दुर्घटनाएं भी होती हैं. पर किसी को परवाह नहीं .
रांची: रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र व इससे सटे बोकारो जिले के सीमावर्ती इलाके से प्रतिमाह लगभग तीन करोड़ का अवैध कोयला बाहर के बाजार और आसपास के ईंट भट्ठों में भेजा जा रहा है. हालात यह है कि इलाके में स्थित सीसीएल की सबसे बेहतर मानी जानेवाली हजारीबाग क्षेत्र की केदला भूगर्भ परियोजना की तीन नंबर खदान (पूरी तरह से आधुनिक) से ज्यादा कोयला चोरों द्वारा निकाला जा रहा है. परियोजना की तीन नंबर खदान में तीनों शिफ्ट में ठीक से काम हो, तो एक दिन में मात्र 120 टन कोयले का उत्पादन हो पाता है, जबकि इस इलाके की अवैध खदानों से रोजाना करीब 150 टन से अधिक कोयला निकाला जा रहा है.

पुलिस व नेताओं की जुगलबंदी में सीसीएल की बंद पड़ी खदान, चुटुआ नदी के आसपास व वन भूमि में सुरंगनुमा रास्ता बना कर अवैध खनन जारी है. खदान तक ट्रैक्टर जाने के लिए पहाड़ काट कर रास्ता भी बना दिया गया है. खदान के अंदर से पानी निकलने अौर ड्रिल मशीन चलाने के लिए सीसीएल की बिजली का इस्तेमाल हो रहा है. एक खदान तो रामगढ़-केदला-बसंतपुर मार्ग के किनारे करमटिया जंगल में है. इसके अंदर फैली सुरंग का जाल सड़क के पास तक पहुंच चुका है. इन खदानों से रोजाना औसतन 52 ट्रैक्टर कोयला बाहर भेजा जाता है. इसमें काम करनेवाले अधिकतर मजदूर आसपास के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जो रोजाना 250 रुपये के लिए जान जोखिम में डाल काम करते हैं.
कुछ खदानों में प्रति ट्रैक्टर 1600 रुपये का भी भुगतान किया जाता है. इन मजदूरों के जिम्मे कोयला खोद कर बाहर निकालने अौर उसे ट्रैक्टर में लादने का काम होता है.
कैसे होता है धंधा : अवैध खदान के मालिक कोयले को आसपास के ईंट भट्ठे या कोयला तस्करों को प्रति ट्रैक्टर 5000 रुपये में दे देते हैं. इसके लिए वे पुलिस को प्रति ट्रैक्टर 1200 रुपये देते हैं. सीसीएल के चेक पोस्टों को भी सेट करना होता है. स्थानीय पुलिस के साथ-साथ मंडी तक के सभी महत्वपूर्ण थानों को इंट्री दी जाती है. क्षेत्र के चिमनी भट्ठों में भी चोरी का कोयला जाता है. इसके एवज में प्रति चिमनी भट्ठा पुलिस को प्रति माह 25 से 30 हजार रुपये मिलते हैं. इस इलाके में कुल 10 चिमनी भट्ठे हैं. इस तरह से सिर्फ इस इलाके से अवैध कारोबार में पुलिस को प्रतिमाह लगभग 21 लाख रुपये की कमाई होती है.
जो देखा, जो सुना
दृश्य दो : करमटिया जंगल
हम रामगढ़-केदला-बसंतपुर सड़क के किनारे स्थित करमटिया जंगल पहुंचे. इस मार्ग से होकर सभी बड़े अधिकारी गुजरते हैं. सड़क से कुछ ही अलग हटते ही झाड़ियों के बीच में खोह दिखा. नीचे जाने पर पता चला कि वहां भी कई खदान हैं. एक पेड़ की जड़ से नीचे घुस कर खदान में जाने पर नजारा अजीब था. अंदर कई सुरंग थे. सभी एक दूसरे से मिले हुए. काफी अंदर तक जाने पर भी सुरंग का अंत नहीं दिखा. किसी-किसी सुरंग में पानी भी भरा हुआ था. अंदर पेट्रोमैक्स की व्यवस्था थी. यहां अर्जुन व उमेश से मुलाकात हुई. यहां हम अवैध कोयले के कारोबारी बने थे. अर्जुन व उमेश ने सबसे पहले अपनी खदान के कोयले की गुणवत्ता की जानकारी दी, फिर कहा कि उसके यहां से कोयला लेने पर किसी तरह का खतरा नहीं. उसने पुलिस व पत्रकारों को सेट कर रखा है. उसने आसानी से कोयला दिलवा देने की बात कही. उनके अनुसार उनके मालिक अशोक व धनेश्वर हैं. यहां बाहर में खाना बनाने की भी व्यवस्था थी. मजदूर भी काम में लगे थे. यहां पर मजदूरों को प्रति ट्रैक्टर 1600 रुपये दिये जाते हैं.
जिन इलाकों में हो रहा अवैध उत्खनन
जानकार सूत्रों के अनुसार, वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र का गोसी क्षेत्र, सीसीएल झारखंड उत्खनन परियोजना के मैगजीन के पास, केदला-बसंतपुर मुख्य मार्ग के किनारे करमटिया जंगल में, जितरा टोंगरी जंगल में, दुरू, बसंतपुर व कोतरेसीमाना, लइयो बगलता व बदगांव में दर्जनों अवैध खदानें चल रही हैं. वहीं बोकारो जिले के राहवन ओपी क्षेत्र अंतर्गत हुरदाग जंगल में करीब आधा दर्जन अवैध खदानें हैं.
जो देखा, जो सुना
दृश्य 01 : गोसी की खदान
इलाके के दौरे के क्रम में कई चौंकानेवाली बातें सामने आयीं. इलाके में कोयला चोरों का राज कायम है. दोपहर दो बजे अपने दो साथियों के साथ मोटरसाइकिल से केदला के गोसी गांव पहुंचा. रास्ते में ही मोटरसाइकिल पर सवार एक व्यक्ति दिखा. गांव की ओर जाते देख उसने पूछा, कहां जा रहे हैं.

साथ चल रहे साथी ने बताया कि वह अवैध खदान का मालिक आशीष है. साथियों ने आशंका व्यक्त की कि अब वह अपने लोगों को आगाह कर देगा, पर हम आगे बढ़ते रहे. पहाड़ व जंगल के बीच अवैध खुदाई करते अौरत-मर्द का जत्था दिखा. इससे पहले हम वहां जा पाते, हमारे पीछे आशीष आ पहुंचा. वह लगातार भला-बुरा बाेलता रहा. उसका कहना था कि पैसे चाहिए, तो बोलें, पर खदान में नहीं जायें, वरना बुरा होगा. उसकी चिंता यह नहीं थी कि पुलिस को पता चल जायेगा़ उसकी चिंता यह थी कि मजदूर भाग जायेंगे, तो फिर बुलाने में दिक्कत होगी. उसने अपने फोन से किसी पुलिस अधिकारी को भी कॉल किया.

नीचे उतरने पर पहाड़ की तलहटी में जगह-जगह कोयले का ढेर व ट्रैक्टर का डाला था. पहाड़ के नीचे कोयला काट रहे महिला व पुरुषों ने बताया कि वे बोकारो जिले के तिरला के रहनेवाले हैं अौर प्रतिदिन 250 रुपये पर कोयला काटते हैं. वहां खदान से पानी निकलने के लिए मोटर लगा था. बिजली के कनेक्शन भी तार के मध्यम से खींच कर लाया गया था. मजदूरों ने बताया कि उन्हें पेट से मतलब है. इस दौरान आशीष दूर पहाड़ से लगातार भला-बुरा कहता रहा अौर समझा देने की धमकी देता रहा.

हम जब तक इलाके में रहे, आशीष हर अोर हमारे पीछे रहा.
चोरी के कोयला का गणित
प्रतिदिन 52 ट्रैक्टर अवैध कोयले का उत्खनन
01 ट्रैक्टर में तीन टन कोयला=52×3=156 टन
01 माह में 156×30=4680 टन कोयला
कमाई (4,680 x 6,000)=2,80,80,000
नोट : कोलियरी में स्टीम कोयले की कीमत न्यूनतम 6000 रुपये प्रति टन है.
पुलिस की कमाई का गणित
पुलिस को िमलते हैं प्रति ट्रैक्टर 1200 रुपये
एक माह में (52×30) 1560 ट्रैक्टर के 1560×1200=18,72,000 रुपये
क्षेत्र में 10 चिमनी भट्ठे हैं. प्रति भट्ठा 30 हजार रुपये प्रति माह देने पड़ते हैं.
िचमनी भट्ठे से प्रतिमाह कमाई 10×30000=3,00,000 रुपये
कुल कमाई (18,72,000+ 3,00,000) =21,72,000 प्रतिमाह
(जानकारों के अनुसार)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें