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भारत खूबसूरत, क्योंकि यहां हिंदुत्व जैसा सुंदर धर्म है
बातचीत. कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप मास्करेन्हास ने कहा मनोज लकड़ा रांची : रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च निकाय, कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआइ) के महासचिव बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने कहा कि भारत इसलिए सुंदर है, क्योंकि यहां हिंदुत्व जैसा खूबसूरत और सहिष्णु धर्म है़ उनके कई हिंदू मित्र है़ं पर, […]
बातचीत. कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप मास्करेन्हास ने कहा
मनोज लकड़ा
रांची : रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च निकाय, कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआइ) के महासचिव बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने कहा कि भारत इसलिए सुंदर है, क्योंकि यहां हिंदुत्व जैसा खूबसूरत और सहिष्णु धर्म है़ उनके कई हिंदू मित्र है़ं पर, इसके ध्रुवीकरण की कोशिश देश को बरबाद कर देगा़ महासचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार रांची आये बिशप मास्करेन्हास ने कई विषयों पर अपने विचार रखे. पढ़िये बातचीत.
क्या चर्च भाजपा के निकट आ रहा है? पिछले दिनों सीबीसीआइ के प्रतिनिधंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनसे पोप फ्रांसिस को भारत बुलाने व उनसे मदर टेरेसा के संत घोषणा कार्यक्रम में भारतीय प्रनिधिमंडल के नेतृत्व का अनुरोध किया है..
चर्च की किसी राजनीतिक पार्टी से निकटता या दूरी नहीं होती़
सरकार के साथ मिल-जुल कर काम करना हमारा दायित्व है़ मसीही भी भारत के अविभाज्य हिस्सा है़ं वे अच्छे नागरिक हैं, क्याेंकि कानून का सम्मान करते हैं और इसके दायरे में ही चलते है़
हमारा इतिहास है कि चर्च ने उन जगहों पर पहुंच कर शिक्षा, चिकित्सा जैसी सेवाएं मुहैया करायी, जहां सरकार भी नहीं पहुंच पायी थी़ हमने देश के प्रति अपना प्रेम शोर मचाये बिना प्रकट किया है़
क्या भारत में ईसाइयत असफल हुआ है? देश में लगभग दो हजार साल के इतिहास के बावजूद इसकी जनसंख्या मात्र दो- तीन फीसदी ही क्यों?
हमारी आबादी कम है, पर देश की संस्कृति पर मसीही शिक्षा ने बड़ा प्रभाव डाला है़ हमारी कम आबादी को उस आरोप के जवाब के रूप में देखें, जिसमें कहा जाता है कि हम जबरन धर्मांतरण करते हैं या गरीबाें को लालच दे कर ईसाई बनाते है़ं ईसाई धर्म की प्रकृति आक्रामक नहीं है़ अतीत में ऐसी कुछ घटनाएं जरूर हुई हैं, पर अब ऐसा नहीं है.
मसीहियों पर हमले होते हैं, तो सरकार से क्या अपेक्षा रखते हैं?
हमारे खिलाफ कई बड़ी शक्तियां है जब वे हम पर हमला करते हैं, तो सरकार की ओर से निंदा का एक शब्द भी नहीं आना दुखद है़
ऐसा लगता है कि ईसाइयों को भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं समझा जाता है़ इसलिए उनके संस्कृतीकरण की कोशिशें भी होती है़ देशद्रोही वह है, जो देश का संविधान नहीं मानता़ धर्म के आधार पर भेदभाव करता है़
धर्म परिवर्तन करने पर भी सरकारी नियंत्रण नहीं होना चाहिए़ यदि अंतरात्मा की आवाज पर लोग पार्टियां बदल सकते हैं, तो धर्म क्यों नहीं? चर्च भी वैसे लोगों को नहीं चाहता, जो पैसों के लिए पार्टियां बदलते हैं या धर्म परिवर्तन करते है़ं धर्म परिवर्तन पर कुछ लोग झूठ का हाय-तौबा मचाते हैं, जो गलत है़
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