पूर्व में 16 मार्च 2016 को नि:शक्त अभ्यर्थियों को कैडर स्ट्रेंथ के आधार पर व अरुण कुमार सिंह की जनहित याचिका में पारित आदेश के आलोक में आरक्षण का लाभ देने के मुद्दे पर कोर्ट ने अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. खंडपीठ ने कहा कि चौथी व पांचवीं जेपीएससी में शामिल नि:शक्त अभ्यर्थियों को छठी जेपीएससी में शामिल किया जाये. इसके अलावा अन्य अोवर एज नि:शक्तों की उम्र सीमा में छूट देने को कहा गया है. जेपीएससी को शुद्धि पत्र निकालने आैर पुन: आवेदन लेने का भी निर्देश दिया गया है.
राज्य सरकार द्वारा नि:शक्तों के मामले में जारी सात नवंबर 2007 के सर्कुलर को लागू नहीं करने का निर्देश दिया. प्रार्थी द्वारा 520 उम्मीदवारों के अोएमआर शीट रद्द करने को चुनाैती दी गयी थी, जो सुनवाई के दौरान साबित नहीं हो पाया. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता सुचित्रा पांडेय, जेपीएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल फैसला सुनाये जाने के समय कोर्ट में उपस्थित थे. मालूम हो कि प्रार्थी पीके सिद्धार्थ की अोर से जनहित याचिका दायर की गयी थी. वहीं विवेक कुमार सिंह ने हस्तक्षेप याचिका दायर की थी.