दारूल उलूम देवबंद के जेनरल सेक्रेट्री मुफ्ती एहसान ने हक व हूकूक को समझने के लिए मजहबी शिक्षा को जरूरी बताया. कार्यक्रम का अागाज कारी जहांगीर की तिलावते कुरआन से की गयी. जलसा में शायरे इसलाम मोजम्मिल हयात व आफताब मोहनपुरी ने नात कलाम से समां को बांधे रखा. इससे पूर्व मदरसा इसलामिया कासिमुल उलूम के 15 छात्रों को कुरआन पाक को कंठस्थ करने पर हाफिजे कुरआन की उपाधि दी गयी.
मौके पर आजसू हटिया विस प्रभारी लाल धर्मराज नाथ शाहदेव उर्फ पिंकुलाल ने मदरसे के 15 हाफिजों को तौलिया व टोपी देकर हौसला अफजाई की. कांग्रेस नेता विनय सिन्हा दीपू ने मदरसा के बच्चों को पठन-पाठन सामग्री देने की घोषणा की. मौके पर तपेश्वर केसरी, केदार महतो, प्रेमसागर महतो, बैद्यनाथ महली, कुलदीप सोनी, केशव भगत, प्रदीप महतो, कमलेश केसरी सहित कई लोग मौजूद थे. अतिथियों द्वारा पांच करोड़ की लागत से बननेवाले मदरसा की बुनियाद रखी गयी. कार्यक्रम के अंत में मौलाना अलहाज मो फारूक केंद्रपाड़ा (अोड़िशा) ने देश की एकता, अखंडता व अमन की सामूहिक दुआ करायी.